
श्रीनगर 22 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के कामकाज की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बाधाओं को दूर करने और समयबद्ध और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, प्रमुख सचिव वित्त, आयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, आयुक्त सचिव सहकारिता विभाग, सचिव कानून, अध्यक्ष जेकेएसएसबी तथा अन्य सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
जेकेएसएसबी की अध्यक्ष इंदु कंवल चिब ने 2019 से की गई भर्ती गतिविधियों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें विज्ञापित पदों, जांच के अधीन और चयन के अंतिम चरण में विभागवार विवरण शामिल हैं।
उन्होंने विभागों में हुई प्रगति के साथ-साथ लंबित चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
बताया गया कि विभागों द्वारा मांगपत्र प्रस्तुत करने में देरी के कारण कई पदों का विज्ञापन नहीं हो पाया है और कुछ मामलों में वर्तमान नौकरी आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन की आवश्यकता है।
बोर्ड ने प्रस्ताव दिया है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं सीसीटीवी निगरानी में आयोजित की जाएंगी। बैठक में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती की स्थिति की भी समीक्षा की गई जहां देरी को एक बड़ी चिंता के रूप में चिह्नित किया गया।
मुख्यमंत्री ने बोर्ड को चयन प्रक्रिया में तेजी लाने और सभी प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने सेवा चयन बोर्ड में सुविधाओं में सुधार और बोर्ड के कानूनी और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने का भी आह्वान किया।
पारदर्शी शासन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने और सभी विभागों में दक्षता में सुधार करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी ताकि जनता का विश्वास, संस्थागत दक्षता बढ़े और रिक्त पदों को भरा जा सके जिससे जम्मू-कश्मीर के योग्य युवाओं को नौकरी मिल सके।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
