HimachalPradesh

गैर लकड़ी वन उपज की दरों में संशोधन, मुख्यमंत्री ने वन विभाग को दिए कई निर्देश

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक

शिमला, 17 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को यहां मूल्य निर्धारण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें गैर लकड़ी वन उपज की नई दरों एवं रॉयल्टी को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में हुई थी, जिसके बाद यह पहली समीक्षा बैठक रही।

मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य वन विकास निगम को निर्देश दिए कि वह निजी ठेकेदारों की बजाय स्वयं साइडर वुड स्टंप निकालने का कार्य करे। उन्होंने निगम से लगभग 10,000 साइडर वुड स्टंप को निकालने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने को भी कहा, ताकि इस कार्य को व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से अंजाम दिया जा सके।

इस अवसर पर राज्य वन विकास निगम द्वारा खैर और साल वृक्षों की सिल्वीकल्चर कटाई से प्राप्त रॉयल्टी की राशि का 41.30 करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कटाई सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति के बाद की गई है और इससे एक ओर जहां पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ मिला है, वहीं राज्य को भी महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हुआ है।

गर्मियों में जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने वन विभाग को त्वरित और प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अग्निशमन टीमें तुरंत कार्रवाई करें और आग की रोकथाम में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने पौधरोपण कार्यक्रमों में पौधों की जीवित रहने की दर बढ़ाने पर विशेष बल दिया और वन विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त वृक्षों का समय रहते निपटारा किया जाए, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ राजस्व को भी बढ़ावा मिल सके।

बैठक में राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) के.के. पंत, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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गैर लकड़ी वन उपज की दरों में संशोधन, मुख्यमंत्री ने वन विभाग को दिए कई निर्देश

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक

शिमला, 17 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को यहां मूल्य निर्धारण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें गैर लकड़ी वन उपज की नई दरों एवं रॉयल्टी को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में हुई थी, जिसके बाद यह पहली समीक्षा बैठक रही।

मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य वन विकास निगम को निर्देश दिए कि वह निजी ठेकेदारों की बजाय स्वयं साइडर वुड स्टंप निकालने का कार्य करे। उन्होंने निगम से लगभग 10,000 साइडर वुड स्टंप को निकालने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने को भी कहा, ताकि इस कार्य को व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से अंजाम दिया जा सके।

इस अवसर पर राज्य वन विकास निगम द्वारा खैर और साल वृक्षों की सिल्वीकल्चर कटाई से प्राप्त रॉयल्टी की राशि का 41.30 करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कटाई सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति के बाद की गई है और इससे एक ओर जहां पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ मिला है, वहीं राज्य को भी महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हुआ है।

गर्मियों में जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने वन विभाग को त्वरित और प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अग्निशमन टीमें तुरंत कार्रवाई करें और आग की रोकथाम में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने पौधरोपण कार्यक्रमों में पौधों की जीवित रहने की दर बढ़ाने पर विशेष बल दिया और वन विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त वृक्षों का समय रहते निपटारा किया जाए, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ राजस्व को भी बढ़ावा मिल सके।

बैठक में राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) के.के. पंत, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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