
नई दिल्ली, 22 मई (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने कहा है कि देश के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का काम करने वाले तुर्की के कार्गो ऑपरेटर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राईवेट लिमिटेड का सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करने का फैसला अप्रत्याशित परिस्थितियों में लिया गया था। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि जब देश की सुरक्षा पर खतरा हो तो सरकार के लिए ये लगभग असंभव हो जाता है कि वो संबंधित कंपनी का पक्ष सुने। सेलेबी ने कहा है कि भारत के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का उसका करीब एक दशक का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच इस मामले पर 23 मई को भी सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता कंपनी सेलेबी को न्यायिक समीक्षा का अधिकार है। लेकिन जब देश की सुरक्षा का सवाल हो तो नैसर्गिक न्याय का पालन करना जरुरी नहीं है। ये विधायिका पर छोड़ देना चाहिए। मेहता ने कहा कि एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रुल्स के नियम 12 का अधिकांशत: पालन किया गया है। सेलेबी कंपनी के प्रतिवेदन पर सरकार ने विचार किया था और उसके बाद अगले दिन आदेश पारित किया गया था।
देश के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का काम करने वाले तुर्की के कार्गो ऑपरेटर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने सिक्योरिटी क्लीयरेंस को निरस्त करने के केंद्र के आदेश का विरोध करते हुए कहा है कि ये गैरकानूनी और मनमाना है। 21 मई को सुनवाई के दौरान सेलेबी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करते समय न तो उन्हें नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया। रोहतगी ने एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स के नियम 12 का हवाला देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन किया है। इस नियम के तहत नागरिक विमानन महानिदेशक सिक्योरिटी क्लियरेंस को निलंबित करते हैं और संबंधित कंपनी का पक्ष सुनते हैं। अगर महानिदेशक को लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है तो वो सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त कर सकते हैं। रोहतगी ने कहा था कि एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रुल्स के मुताबिक संबंधित कंपनी का पक्ष जानना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सेलेबी कंपनी में काम करने वाले सभी भारतीय हैं।
19 मई को हाईकोर्ट ने कहा था कि सॉरी बोलने से अच्छा है कि सुरक्षित रहें। मेहता ने कहा था कि दुश्मन दस बार कोशिश कर सकता है और एक बार सफल हो सकता है लेकिन देश को हर बार सफल होना होगा। सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सार्वजनिक धारणा के आधार पर किसी का नियोजन नहीं छीना जाना चाहिए। सेलेबी कोई बदनाम कंपनी नहीं है। वो भारत में 17 सालों से काम कर रही है। रोहतगी ने कहा था कि कंपनी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करने के पहले नोटिस नहीं दी गई।
सेलेबी ने कहा है कि भारत सरकार का फैसला भ्रमपूर्ण और बेवजह है। सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा जाएगा और इससे 3800 भारतीय कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि सेलेबी पर मालिकाना हक भले ही तुर्की की है लेकिन इसका प्रबंधन और नियंत्रण भारतीय टीम के हाथ में है। सेलेबी ने कहा है कि भारत के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का उसका करीब एक दशक का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
