Delhi

नरेला जेल बनने से कम होगा कैदियों का बोझ

तिहाड़ जेल की फोटो

नई दिल्ली, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । तिहाड़ जेल में कैदियों के बढ़ते बोझ को कम करने का रास्ता जल्द ही साफ होने वाला है। तिहाड़, रोहिणी और मंडोली के बाद अब बाहरी उत्तरी जिले के नरेला में दिल्ली का चौथा जेल परिसर जल्द बनने वाला है। जेल सूत्रों का कहना है कि नरेला में बनने वाली दिल्ली की पहली हाई सिक्योरिटी जेल के निर्माण से जुड़ी पूरी रिपोर्ट (डीपीआर) की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास जमा करने की तैयारी चल रही है।

तिहाड़ जेल के पीआरओ अरविंद कुमार के अनुसार नरेला में हाई सिक्योरिटी जेल के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ने पहली 10 करोड़ रुपये की किस्त जारी कर दी है। फिलहाल मंत्रालय में रिपोर्ट जमा होने से पहले एक बार प्रदेश सरकार के गृह विभाग में इस योजना पर चर्चा की जाएगी। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि डीपीआर जमा होने के बाद जल्द ही जेल निर्माण की बाकी की किस्त केंद्रीय गृह मंत्रालय जारी कर देगा।

तीनों जेलों से अलग होगी नरेला जेलः

जेल सूत्रों के अनुसार नरेला जेल परिसर दिल्ली के अन्य जेल परिसरों के मुकाबले थोड़ा अलग होगा। यह दिल्ली का पहला ऐसा जेल परिसर होगा, जिसके आसपास कोई रिहायशी कालोनी नहीं होगी। जेल प्रशासन के मुताबिक अभी तक जितने भी जेल परिसर हैं, उनके नजदीक रिहायशी कॉलोनियां बसी हुई हैं। तिहाड़ जेल के पास जनकपुरी तो रोहिणी के पास रोहिणी, केएनकार्टजू व समयपुर बादली इलाका है। इसी तरह मंडोली जेल के आसपास भी आबादी वाली कॉलोनियां हैं। रिहायशी कॉलोनी आसपास होने से जेल परिसर में बाहर से मोबाइल या नशीला पदार्थ फेंके जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नरेला जेल को आबादी से दूर बनाने की योजना बनाई गई है। जेल सूत्रों के अनुसार नरेला में 40 एकड़ जमीन पर तिहाड़ जेल प्रशासन चार से पांच जेल बनाएगा। इनमें करीब दो हजार से अधिक कैदियों को रखा जा सकेगा।

कुख्यात कैदी रखे जायेंगे नरेला जेल मेंः

नरेला जेल परिसर को हाई सिक्योरिटी जेल के तौर पर बनाया जाएगा। यहां सभी गंभीर अपराध के कैदी, सजायाफ्ता या जिनकी सुरक्षा काफी संवेदनशील होती है, उन्हें अलग अलग जेलों या अलग अलग सेल में रखने के बजाय एक ही जेल परिसर में रखा जाए। इससे इन कैदियों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि तिहाड़ में नौ, रोहिणी परिसर में एक और मंडोली में छह जेल हैं, जिनमें क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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