औरैया, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अलीपुर गांव में पधारे विद्वान भागवत कथा के मर्मज्ञ डॉक्टर सियाराम शरण दास न्यायिक वैष्णो चार्य माउंट आबू उत्तराखंड ने भागवत कथा के छठवें दिन रूकमणि विवाह , गोपियों के साथ रासलीला और उनके प्रेम और बिछुडने के समय की विरह लीला का विस्तार से वर्णन किया।
चूंकि पहले रूक्मिणी का विवाह शिशुपाल से होना था जिसको रूकमिणी नहीं चाहती थी इसलिए उसने भगवान श्रीकृष्ण को पत्र लिखकर अपने साथ विवाह का प्रस्ताव रखा जिसको उन्होंने अपनी सहमति प्रदान कर दी। अंत में विवाह की रश्म रूक्मिणी हरण करके पूर्ण हुई थी। इसके साथ ही विद्वान भगवताचार्य सियाराम शरण ने गोपियों के श्रीकृष्ण के साथ अगाध प्रेम और विरह वेदना का भी विस्तार से वर्णन किया।
विद्वान भगवताचार्य का विभिन्न गणमान्य लोगों द्वारा माल्यार्पण, स्वागत पट्टिका और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत सम्मान भी किया गया। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला भाजपा औरैया शिक्षक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश कुमार अग्निहोत्री प्रधानाचार्य ने भी विद्वान भगवताचार्य को माल्यार्पण, अंगवस्त्र राम पट्टिका पहनाकर उनका स्वागत सम्मान किया। भागवत पंडाल में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने भागवत कथा का रसपान कर अपने जीवन को सफल बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
(Udaipur Kiran) कुमार