मुंबई,24 अप्रैल ( हि.स.) । ठाणे शहर के विधायक संजय केलकर ने कल ठाणे सड़कों और मानसून पूर्व बड़े नालों की सफाई के बारे में सर्वे करने के बाद शहर की खस्ताहाल सड़क और कचरे और जंगली घांस से भरे नालों की स्थिति देखने के बाद आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ठाणे शहर में प्रमुख रुस्तमजी क्षेत्र में नाला जाम होने के कारण सड़क जैसा हो गया है, जबकि बालकुम्भ दादलानी क्षेत्र में स्थित नाला टर्फ जैसा हो गया है। विधायक संजय केलकर ने चेतावनी दी कि आयुक्त और अधिकारी सड़कों पर उतरें और नियमित निरीक्षण करें। यदि इस वर्ष भी नालों की सफाई पहले की तरह हुई तो ठाणे निवासी अधिकारियों और ठेकेदारों जनता बख्शेगी नहीं।
हर साल होने वाली नालियों की मैनुअल सफाई के अनुभव को सांझा करते हुए हुए उन्होंने कहा कि पिछली वर्ष की गलतियां टीएमसी नहीं दोहराएगी।, विधायक संजय केलकर ने ठाणे के मनोरमा नगर, कोलशेत, बालकुम्भ, राबोडी, कैसल मिल, खोपट एसटी डिपो, शहीद गार्डन, रायगढ़ अली आदि क्षेत्रों में नालियों का निरीक्षण किया। इस बार उन्होंने नालियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की तथा ठेकेदार और प्रशासन को चेतावनी दी। निरीक्षण के दौरान उन्हें नालियों की खराब स्थिति का पता चला। इस अवसर पर उन्होंने ठेकेदारों को निर्माण कार्य के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। जबकि ठेकेदार को यह भी नहीं पता था कि प्रत्येक नाली कहां रुकती है और कहां जुड़ी हुई है, इसलिए हमें यह जानकारी देनी पड़ी। क्योंकि इन ठेकेदारों ने नाले की सफाई से पहले उसका निरीक्षण तक नहीं किया।
बताया जाता है कि ठाणे में ठेकेदार नालियों की सफाई के लिए आवश्यक मानवशक्ति, यांत्रिक उपकरणों और कार्य घंटों के बारे में जानकारी छिपा रहे हैं। अतिरिक्त कार्य दिखाकर सतही तौर पर सफाई कर दी जाती है, लेकिन बिल पूरे कार्य का जारी कर दिया जाता है। इसलिए हम तब से उनके काम पर नजर रख रहे हैं। नाला सफाई के लिए आठ करोड़ का प्रावधान किया गया है।
रुस्तमजी में नाला सड़क का रूप ले चुका है, जबकि बालकुम्भ में नाला टर्फ का रूप ले चुका है। केलकर ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी की कि युवा लोग गलती से वहां खेलने तक चले जाते हैं। ‘कुछ महीने पहले, हमने जनभागीदारी के माध्यम से आदर्श नहेल गोद योजना को लागू किया। उस नाले में कोई गाद या कचरा दिखाई नहीं देता। इसके अलावा, यह आवरण क्षेत्र की सुंदरता को कम नहीं करता है साथ ही दुर्गंध को भी समाप्त करता है।
—————
(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
