रायपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने गौठान और रोका-छेका योजना का अमल नहीं होने के कारण मवेशियों की हो रही मौत से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि गौठान योजना को लेकर कांग्रेस व उसकी पिछली सरकार की गंभीरता को जनता ने 5 वर्षों में ही देख लिया है। योजना बनाना एक अलग विषय है, उस योजना का नाम रखना भी अलग विषय है, लेकिन उसकी क्रियाविधि की दिशा में एक अलग योजना बनानी होती है। जिस सोच के साथ व्यापक पैमाने पर गौठान योजना को लाया गया था, कांग्रेस की सरकार में उतनी ही तत्परता के साथ उस पर क्रियान्वयन नहीं हुआ।
शुक्रवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों के पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए देव ने कहा कि इस विषय पर भाजपा ने आंदोलन भी किया था। प्रत्येक गौठानो का निरीक्षण किया और इस बात को प्रतिपादित भी किया कि इस योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। गौठान योजना राज्य सरकार की योजना थी, उसमें डीएमएफ और पंचायत का पैसा इन्वाल्व करके उस योजना को कितना दूर तक ले जा सकती थी? दरअसल भूपेश सरकार को तो उसमें बजट प्रावधान करके इस योजना के लिए बहुत अच्छा संकल्प पारित करना चाहिए था। लेकिन उसमें कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार फेल हुई है, क्योंकि उद्देश्य भ्रष्टाचार करना था जनहित नहीं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने निगम-मंडलों और मंत्रिमंडल के पुनर्गठन से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि निगम-मंडलों में नियुक्तियों का विषय नितांत रूप से मुख्यमंत्री का है और निश्चित रूप से मुख्यमंत्री श्री साय इस पर विचार विमर्श कर रहे हैं और शीघ्र ही इसका कुछ-न-कुछ निर्णय होगा। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और स्वयं को मंत्री बनाए जाने की चल रही सियासी अटकलों से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री देव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में स्वस्थ लोकतांत्रिक और स्पष्ट प्रक्रिया है कि किस कार्यकर्ता को कौन-सी जवाबदारी देना है? कौन किस दायित्व पर जाएगा? कौन सरकार का अंग बनेगा और कौन संगठन का अंग बनेगा, इसका निर्णय करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व टोली है। मंत्रिमंडल का विस्तार भी जल्द होगा। यह मुख्यमंत्री श्री साय का विषय है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष को लेकर किए गए प्रश्न पर कहा कि जो जनता के हित में हो, जो सर्व सुविधाजनक हो, परिणामदायक हो, परिणाममूलक हो। पहले चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता था। महापौर व अध्यक्ष का चुनाव जनता करती थी। बीच में 5 वर्षों में कांग्रेस ने इसे बदल दिया, जिसमें पार्षदों के माध्यम से महापौर व अध्यक्ष का चुनाव किया जाता था। जनता द्वारा सीधे चुने जाने का असर अलग होता है और पार्षदों द्वारा चुनाव करने का असर अलग होता है और दोनों के अलग-अलग परिणाम होते हैं। अब मुख्यमंत्री श्री साय अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ बैठकर इस पर निर्णय लेंगे।उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भाजपा अब लगभग तीन माह बाद प्रस्तावित नगरीय निकाय और उसके बाद होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों पर फोकस कर रही है। इस लिहाज से बुधवार, 10 जुलाई को प्रदेश भाजपा की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक काफी महत्वपूर्ण रही।
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए देव ने कहा कि अत्यंत उत्साह और आत्म-विश्वास से भरपूर वातावरण में हुई कार्यसमिति की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को केंद्रीय नेतृत्व और संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का समयानुकूल मार्गदर्शन मिलने से यह उत्साह और आत्म-विश्वास दुगुना हुआ है और सभी कार्यकर्ता पार्लियामेंट से पंचायत तक भाजपा का परचम लहराने के लिए संकल्पित होकर लौटे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि प्रदेश के संगठन महामंत्री पवन साय ने इस बैठक में पार्टी के अब तक हुए विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी लेकर उनकी समीक्षा की और पार्टी के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा कार्यसमिति की बैठक में रखी और इन कार्यक्रमों के सफल, सुचारु व प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। पत्रकारवार्ता के दौरान रायपुर शहर भाजपा जिला अध्यक्ष जयंती पटेल, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / चन्द्र नारायण शुक्ल