– केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने सिंहस्थ-2028 की कार्ययोजना का देखा प्रेजेटेंशन, कहा- उज्जैन का पुरातन वैभव और बढ़ेगा
भोपाल, 01 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने उज्जैन प्रवास के दौरान रविवार शाम को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में सिंहस्थ-2028 की कार्ययोजना और तैयारियों संबंधी प्रेजेंटेशन देखा। उन्होंने सिंहस्थ के लिये तैयार की गई विकास कार्ययोजना के प्रेजेंटेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस सोच के साथ कार्ययोजना तैयार की गई है, उसे जमीन पर उतारा गया तो उज्जैन अपनी संस्कृतिक, धार्मिक, पौराणिक विरासत को संजोने में सफल होगा। उज्जैन अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत को समेटे हुए है। सिंहस्थ के लिये तैयार की गई कार्ययोजना से उज्जैन का पुरातन वैभव पुनः लौटेगा और राजा विक्रमादित्य की अवंतिका का स्वरूप प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रेजेंटेशन के दौरान कपिला गौशाला और शिप्रा को प्रवाहमान बनाने की कार्ययोजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्ययोजना से कम से कम कीमत में क्षिप्रा को अविरल एवं स्वच्छ कर पाएंगे। सिंहस्थ 2028 में क्षिप्रा नदी में क्षिप्रा के जल से ही स्नान होगा। उन्होंने गौवंश को सुरक्षित करने की कार्ययोजना के संबंध में बताया कि सभी प्रमुख शहरों में 10 हजार गौवंश को रखने के लिए गौशालाएं बनाई जा रही है। कम से कम खर्चे और कम मानव शक्ति का प्रयोग कर इन गौशालाओं का संचालन किया जाएगा।
क्षिप्रा जल से ही होगा सिंहस्थ-2028 में स्नान : मुख्यमंत्री डॉ यादव
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार सिंहस्थ में क्षिप्रा नदी के दोनों ओर बेसाल्ट पत्थर से स्थायी घाटों का निर्माण होगा, जिससे आने वाले समय में क्षिप्रा नदी के स्वरूप को स्थायित्व मिलेगा और आगामी सिंहस्थों में अतिरिक्त घाटों के निर्माण की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ-2028 तक शिप्रा नदी को प्रवाहमान एवं अविरल करने के लिए कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना, सेवरखेडी-सिलारखेडी मध्यम परियोजना तथा कान्ह एवं क्षिप्रा नदी पर बैराज का निर्माण, बेसाल्ट से घाटों का निर्माण एवं संबद्ध कार्य किए जा रहे हैं। कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का मुख्य उद्देश्य कान्ह नदी के दूषित जल को उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकना है, जिससे कि मोक्ष दायिनी क्षिप्रा नदी का जल पवित्र बना रहे। इस परियोजना में ग्राम जमालपुर तहसील उज्जैन में कान्ह नदी पर एक बैराज का निर्माण किया जाना है, जिससे कान्ह नदी के दूषित जल को क्लोज डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाना है। परियोजना की कुल लम्बाई 30.15 कि.मी. है जिसमे 18.15 कि.मी. लम्बाई में कट एवं कवर द्वारा क्लोज डक्ट का निर्माण होना है तथा 12 किमी लम्बाई में टनल का निर्माण किया जाना है, इसकी कुल लागत राशि रुपये 920 करोड़ है तथा पूर्णता अवधि 36 माह है।
कार्ययोजना का प्रस्तुनिकरणसेवरखेडी सिलारखेडी मध्यम परियोजना क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाए रखने के लिए है। परियोजना अंतर्गत ग्राम सेवरखेडी तहसील उज्जैन में क्षिप्रा नदी पर बैराज निर्माण किया जाना है, जिससे वर्षा काल के जल का उद्वहन कर ग्राम सिलारखेड़ी तहसील उज्जैन में स्थित सिलारखेडी तालाब में एकत्रित किया जाना प्रस्तावित है। वर्षा काल उपरांत सिलारखेडी तालाब में संग्रहीत जल को ग्राम कुंवारिया के समीप क्षिप्रा नदी में पुनः प्रवाहित किया जाएगा। इस परियोजना की लागत राशि रुपये 614.53 करोड़ है तथा यह परियोजना 30 माह में पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसके अतिरिक्त कान्ह नदी पर 5 एवं क्षिप्रा नदी पर 1 बैराज बनाया जाएगा, जिसकी कुल लागत 37 करोड़ रुपये है।
सिंहस्थ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान करने हेतु क्षिप्रा नदी पर कुल 29 कि.मी. लम्बाई में शनि मंदिर से नागदा बायपास तक घाटों का निर्माण किया जाएगा। उक्त योजना की कुल लागत राशि रुपये 778.91 करोड़ है, तथा प्रस्तावित पूर्णता अवधि 36 माह है। घाटों पर भारी मात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बसाल्ट स्टोन लेयिंग की जाएगी।
सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं के सुगम एवं गतिशील पहुँच के लिए रोप-वे रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक, रेलवे स्टेशन का उन्नयन, सदावल हेलिपैड तथा एअरस्ट्रिप का उन्नयन तथा बहुदिशात्मक रोड परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रेजेंटेशन में संभागायुक्त संजय गुप्ता एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक रोप-वे निर्माण किया जा रहा है। इसकी परियोजना लागत रुपये 199 करोड़ है तथा इससे 1.76 किमी के निर्माण किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 10 यात्रियों की क्षमता वाले 48 केबिन के माध्यम से श्रद्धालुओं का आवागमन होगा। इसके साथ हीरेलवे स्टेशन का उन्नयन व उज्जैन-आगर-झालावाड़ की रेलवे लाइन पर भी कार्य किया जा रहा है। जिसकी लागत 2836 करोड़ रुपये है, साथ ही यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं के लिये उज्जैन जिले में 30 करोड़ रुपये की लागत से सैटेलाइट स्टेशन विकसित किया जाना है। यात्रियों की सुविधा के लिए सदावल हेलीपेड तथा एअरस्ट्रिप का उन्नयन एवं विकास कार्य भी किया जा रहा हैं। सदावल में 13.52 करोड़ लागत से चार नए हैलीपेड का निर्माण किया जा रहा है।
इस अवसर पर नये कलेक्ट्रेट भवन, यूनिटी मॉल, महाकाल भक्त निवास, मेडिसिटी के रुप में उज्जैन में बनने जा रहे मेडिकल हब की कार्ययोजना, विक्रम उद्योगपुरी एवं आई.टी. पार्क का भी प्रेजेंटेशन हुआ। साथ ही एमपीईबी के कार्यों, क्षिप्रा नदी पर 6 नए पुलों का निर्माण, जावरा फोरलेन को दिल्ली-मुम्बई सुपर हाईवे से जोड़ने की कार्य योजना तथा उज्जैन से अन्य शहरों को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों को फोर लेन एवं सिक्स लेन में परिवर्तित करने की कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन भी किया गया।
हेल्थ ऑफ़ इंदौर सर्वे की रिपोर्ट सौंपी
उज्जैन प्रवास के बाद रविवार देर शाम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगतप्रकाश नड्डा एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर हस्तीमल सुंदर बाई परमार्थिक ट्रस्ट के पदाधिकारीगण ने स्वागत कर हेल्थ ऑफ़ इंदौर सर्वे की रिपोर्ट प्रति सौंपी। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद वीडी शर्मा, सांसद शंकर ललवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष अभय कुमार पोखरना, सचिव डॉ. भरत डोसी, रमेश भंडारी, सुनील चोरडिया, डॉ. विनीत कोठारी एवं हितेंद्र मेहता ने हेल्थ ऑफ़ इंदौर सर्वे के संबंध में जानकारी देते हुए ट्रस्ट के प्रयासों के संबंध में जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) तोमर