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जयपुर, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उसके साथ चार दिन तक दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त प्रकाश चंद को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2.75 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने भले ही पीडिता की सहमति से संबंध बनाए हो, लेकिन पीडिता नाबालिग है और नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि मामले में पीडिता के पिता ने 10 नवंबर, 2020 को फुलेरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि उसकी बेटी गत माह अपनी बहन के घर आई हुई थी। इस दौरान वह 9 नवंबर को विवाह समारोह में गई थी और वहां से लापता हो गई। उसे शक है कि प्रकाश उसे बहला फुसलाकर ले गया है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को बताया कि प्रकाश और वह ईट-भट्टे पर काम करते थे और इस कारण एक-दूसरे को जानते थे। घटना के दिन प्रकाश ने उसे फोन कर बुलाया और अपने साथ सीकर ले गया। यहां से वह उसे पटियाला में भट्टे पर ले गया और दोनों वहां बनी झोपडी में चार दिन तक पति-पत्नी की तरह रहे। इस दौरान प्रकाश ने उसकी मर्जी से रोजाना संबंध बनाए। पीडिता ने अदालत को यह भी बताया कि प्रकाश से उसके रिश्ते की बात भी चल रही थी। वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीडिता की उम्र साबित नहीं है। अभियुक्त की ओर से कहा गया कि भट्टा संचालक ने भी अपने बयान में पीडिता को बालिग होने के आधार पर ही काम पर रखने का बयान दिया है। जिससे साबित है कि पीडिता बालिग थी और दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। ऐसे में उसे पॉक्सो और दुष्कर्म के लिए दंडित नहीं किया जा सकता। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने पीडिता को नाबालिग मानते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई है।
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(Udaipur Kiran)
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