
चित्तौड़गढ़, 20 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जिले के चंदेरिया थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में गिरफ्तार आरोपित को पुलिस ने गुरुवार शाम पोक्सो कोर्ट में किया पेश किया। इस दौरान अधिवक्ताओ ने आरोपित की धुनाई कर दी, जिससे हंगामे व गहमा गहमी की स्थिति हो गई। घटना को लेकर अधिवक्ता में भी आक्रोश दिखाई दिए।पुलिस व अधिवक्ता भी आमने सामने हो गए। पुलिस किसी तरह आरोपित को बचा कर सुरक्षित ले गईं। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा।
जानकारी के अनुसार शहर के उपनगरीय क्षेत्र चंदेरिया में मंगलवार रात तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपित सलीम कुरैशी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान भी क्षेत्रवासियों ने आरोपित को सख्त सजा व उसके परिजनों के विरूद्ध कार्यवाही करने, मकान तोड़ने को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया था। इसके बाद गुरूवार शाम को पोक्सो न्यायालय में आरोपित को पुलिस अभिरक्षा में लाया गया। यहां गुरुवार सुबह से घटना को लेकर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने गाड़ी से उतारते ही आरोपित की धुनाई कर दी। इस दौरान मौके पर मौजूद अति पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, उपाधीक्षक विनय चौधरी, चंदेरिया थानाधिकारी सुनिता गुर्जर मय जाप्ते के आरोपित को बचाते हुए न्यायाधीश के कक्ष में ले गए। इसका गेट अंदर से बंद कर दिया। अधिवक्ताओं द्वारा आरोपित के साथ मारपीट के दौरान पुलिस ने बचाव में अधिवक्ताओं के साथ धक्का मुक्की हुई। इससे भी अधिवक्ता नाराज दिखे। इसके बाद कक्ष के बाहर अधिवक्ता व पुलिस आमने सामने हो गए। अधिवक्ताओं ने कक्ष का गेट बंद करने की बात तथा धक्का मुक्की के कारण नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक पुलिस अधिकारियों ने समझाईश के बाद मामला शांत करवाया। यहां हुवे घटनाक्रम के चलते साढ़े सीआई निरंजन प्रतापसिंह, यातायात प्रभारी मोतीराम सारण, मंडफिया थानाधिकारी गोकुल डांगी के अलावा अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया गया। आरोपित को फिर से उसी मार्ग से ले जाने के लिए कतारबद्ध पुलिस जाप्ते को खड़ा कर दिया। न्यायाधीश के समक्ष आरोपी को पेश करने पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का निर्णय दिया गया। इसके बाद पुनः आरोपित को उसी मार्ग से ले जाने के दौरान अधिवक्ता फिर से जाप्ते के आड़े खड़े हो गए। काफी देर तक यहां गहमा गहमी के बीच आरोपित को पुलिस अधिकारियों की समझाईश के बीच पुलिस बस में ले जाने में सफलता मिली। इसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
बार एसोसिएशन ने नहीं करेगा आरोपित की पैरवी
इधर, दो दिन पूर्व उपनगरीय क्षेत्र चंदेरिया में एक तीन वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास की घटना के बाद लोगों का आक्रोश देखा गया। अब इस मामले में जिला अभिभाषक संस्थान ने अभियुक्त की ओर से पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है। जिला अभिभाषक संस्थान के अध्यक्ष एसपी सिंह राठौड़ ने बताया कि चंदेरिया क्षेत्र में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की कोशिश के मामले में अभिभाषक संस्थान ने यह निर्णय लिया है। कोई भी अधिवक्ता आरोपित की पैरवी न्यायालय में नहीं करेगा।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
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