हमीरपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । मोंटी आत्महत्या कांड में नामजद आरोपितों ने बचाव के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली है। उच्च न्यायालय ने पुलिस से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। तब तक पुलिस नामजद आरोपितों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी। पुलिस के जवाब दाखिल करने के उपरांत मामले की सुनवाई की जाएगी।
एक जुलाई को सुमेरपुर कस्बे के नेहा चौराहा के पास बांकी मार्ग में रहने वाले रामबाबू उर्फ रजवा सोनी के इकलौते पुत्र अंकित उर्फ मोंटी सोनी ने तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक युवक के पिता रामबाबू ने कस्बा निवासी तान्या मिश्रा, टिंकू मिश्रा, टिंकू मिश्रा के पुत्र तथा पप्पू मिश्रा, साधना मिश्रा, आशुतोष मिश्रा के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर कर देने का मुकदमा दर्ज कराया था।
मोंटी ने आत्महत्या के पूर्व एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर मुख्यमंत्री से न्याय की मांग कर रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस इनमें अभी तक टिंकू मिश्रा, तान्या मिश्रा व गौरव मिश्रा को जेल भेज चुकी है। पप्पू मिश्रा, साधना मिश्रा व आशुतोष मिश्रा अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।
इसी बीच तान्या मिश्रा के वकील दीपांकर शुक्ला व प्रदीप कुमार मिश्रा ने बचाव के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करके खुद को निर्दाेष बताया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा एवं राम मनोहर नारायण मिश्रा ने याचिका को 22 जुलाई को स्वीकार करके पुलिस से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। पुलिस के जवाब दाखिल करने के बाद न्यायालय अगली सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने पुलिस को निर्देशित किया है कि वह मुकदमे में नामजद आरोपितों के खिलाफ फैसला आने तक अब किसी तरह की कार्यवाही नहीं करेंगे। यह निर्देश केवल उनके ऊपर लागू होगा, जो अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। जेल जाने वाले आरोपितों के ऊपर यह आदेश लागू नहीं होगा। इस आदेश से अब मोंटी आत्महत्या कांड में नया मोड़ आता दिख रहा है। अगली सुनवाई के बाद स्पष्ट होगा कि इस प्रकरण में क्या होता है।
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा / दीपक वरुण / आकाश कुमार राय