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सुशीलपुरा एसटीपी की जमीन पर खातेदार ने कर ली थी तारबंदी, प्रवर्तन दस्ते ने हटाया

जेडीए

जयपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । द्रव्यवती के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए सुशीलपुरा पुलिया के पास बनाए जा रहे एसटीपी प्लांट प्रोजेक्ट के निजी खातेदारी जमीन बनाने को लेकर ट्रिब्यूनल ने कोर्ट ने रोक लगा दी है। जेडीए ने बिना अवाप्ति प्रक्रिया के खातेदारी जमीन पर 41 करोड़ के 20 एमएलडी क्षमता के एसटीपी निर्माण का टेंडर जारी कर दिया था।इस पर खातेदार ने ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई थी। ट्रिब्यूनल ने खातेदार के खसरों पर बिना अवाप्ति प्रक्रिया के एसटीपी प्लांट स्थापित नहीं करने के आदेश दिए थे। आदेश के बाद खातेदारों ने यहां पर फेसिंग कर आमजन का भी रास्ता बंद कर दिया था। आमजन की शिकायत पर मंगलवार को जेडीए का प्रवर्तन दस्ता मौके पर पहुंचा और खातेदार द्वारा की गई फेंसिंग को हटाया। इस कार्रवाई के दौरान जेडीए दस्ते को विरोध का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि जेडीए इंजीनियरिंग विंग ने द्रव्यवती से लगती जमीन को जेडीए की मानकर 20 एमएलडी एसटीपी क्षमता का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया। जबकि द्रव्यवती से लगती जेडीए के खसरा की केवल 800 वर्गमीटर भूमि ही है।इसी से लगते खसरा नंबर 160, 162, 163, 164, 166, 168 और 169 खातेदारी जमीन राजस्व रिकॉर्ड में खातेदारों के नाम दर्ज है। जेडीए ने स्वयं की जमीन के साथ खातेदारों की 4500 वर्गमीटर जमीन पर बिना अवाप्ति प्रक्रिया के सिर्फ खातली किस्म होने पर ही सरकारी मानकर काम शुरू कर दिया था, जबकि पूर्व में इस जमीन की किस्म सिंचित थी। खातेदारों ने सेटलमेंट विभाग ने सीमाज्ञान की अपील लगाई थी। वहीं, जेडीए ने खसरों का सीमाज्ञान करवाए बिना ही निर्माण शुरू कर दिया था। जेडीए ने 2012 में जमीन का कब्जा लेने का शपथ पत्र दिया, लेकिन कब्जा लेने से संबंधित दस्तावेज ही पेश ही नहीं कर पाया। ऐसे में कोर्ट ने खातेदार को संपत्ति के अधिकारी से बेदखल करना मानते हुए यह आदेश दिए। बिना सीमाज्ञान प्रोजेक्ट शुरू कर दिया; खातेदार रामकुमार, माया देवी और योगेश की तरफ से जेडीए ट्रिब्यूनल रेफरेंस याचिका लगाई। ट्रिब्यूनल ने जमीन की सीमाज्ञान रिपोर्ट आने तक प्रोजेक्ट पर स्टे लगाया था।

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(Udaipur Kiran) / राजेश

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