जम्मू, 27 मई (Udaipur Kiran) । श्री माता चामुंडा देवी के पवित्र मंदिर शरवधर पोगल परिस्तान, जिला रामबन की 23वीं छड़ी मुबारक यात्रा 4 जुलाई 2025 को रामेश्वर मंदिर पक्का तालाब बहू किला जम्मू से शुरू होगी और 6 जुलाई 2025 को देवी के दर्शन (पवित्र दर्शन) के बाद वापस लौटेगी।
यात्रा की तैयारी के लिए चामुंडा माता मंदिर के मुख्य संरक्षक राजीव चारक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा से मुलाकात की और यात्रा से संबंधित तैयारियों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में यात्रा/मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. तीरथ सिंह शरवधर रामबन, पूर्व अध्यक्ष ठाकुर गंधर्व सिंह पूर्व सरपंच उधम सिंह, सुरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, आनंद सिंह व अन्य गणमान्य व्यक्ति चर्चा शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने शर्मा को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पोगल परिस्तान क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने का आग्रह किया गया।
सत शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुनते हुए आश्वासन दिया कि वह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे।
धार्मिक स्थलों के विकास के आर्थिक और सांस्कृतिक लाभों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने क्षेत्रों में स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक सर्किट के विकास पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की आमद को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में पहले से ही कई परियोजनाएं युद्ध स्तर पर चल रही हैं। धार्मिक स्थलों के विकास से क्षेत्र में आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे में सुधार और सांस्कृतिक संरक्षण में मदद मिलती है।
राजीव चारक ने कहा भक्त साल भर मां चामुंडा के दर्शन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। शर्वाधार पर्वत की चोटी पर स्थित यह मंदिर आठ महीने तक बर्फ से ढका रहता है और वहां पहुंचने के लिए जंगल से होकर 13 किलोमीटर लंबा कठिन रास्ता तय करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग प्यार से मां चामुंडा को “चौंद मां” कहते हैं। बारिश, ठंड के मौसम और ऊबड़-खाबड़ रास्तों जैसी चुनौतियों के बावजूद हर साल हजारों भक्त बड़े उत्साह के साथ मंदिर के दर्शन करते हैं। इसलिए क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं को बुनियादी ढांचे की कमी के कारण परेशानी न उठानी पड़े।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
