-जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ जल उत्सव मनाएगा नीति आयोग
नई दिल्ली, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । नीति आयोग जल प्रबंधन, संरक्षण और सतत विकास के प्रति जागरुकता और संवेदनशीलता पैदा करने के लिए बुधवार से 15 दिवसीय ‘ जल उत्सव’ शुरू करने जा रहा है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण को परिलक्षित करता है, जिन्होंने दिसंबर, 2023 में आयोजित तीसरे मुख्य सचिवों के सम्मेलन के दौरान ‘नदी उत्सव’ के आधार पर ‘जल उत्सव’ का विचार रखा था ।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के साथ साझेदारी में 6 से 24 नवंबर के बीच 20 आकांक्षी जिलों या ब्लॉकों में जल उत्सव मनाया जाएगा। 20 राज्यों में शुरू किए जा रहे इस महोत्सव में जल संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा में सामुदायिक भागीदारी की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य घरों में जल का सदुपयोग और उपयोगिताओं एवं एजेंसियों के बीच जल प्रबंधन के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है। स्कूली छात्रों को जल प्रबंधन गतिविधियों में नामांकित किया जा रहा है, जिससे वे अपने परिवारों और समुदायों में बदलाव के रूप में कार्य कर सकें।
दो सप्ताह तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत ‘जल बंधन’ से होगी, जिसमें प्रतिष्ठित व्यक्ति और स्थानीय नेतागण जल संपदाओं पर पवित्र धागा बांधेंगे। वे अपने-अपने ब्लॉक और जिलों की जल संपदा पर तथ्य पत्रक भी लॉन्च करेंगे। इस एक पखवाड़े में विभागीय गतिविधियों की योजना पर चर्चा की जाएगी। लोग ‘जल उत्सव शपथ’ भी लेंगे, जिसमें जल संसाधनों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया जाएगा, ताकि विवेकपूर्ण और सतत उपयोग सुनिश्चित हो सके। इस शपथ के माध्यम से समुदायों को जल का उपयोग करते समय फाइव आर : सम्मान करना, सीमित करना, पुनः उपयोग करना, पुनर्चक्रण और पुनर्भरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जल उत्सव पखवाड़े के आने वाले दिनों में जल संपदा संपत्तियों की सफाई, जल संचय दिवस मनाना, कहानियों, प्रयोगों और जल निकायों के दौरे के माध्यम से जल प्रबंधन जागरुकता पैदा करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना और फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके छात्रों को जल गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण देना शामिल होगा। जल प्रबंधन के बारे में अधिक जागरुकता के लिए छात्रों को जल आपूर्ति और उपचार संयंत्रों का प्रदर्शन कराया जाएगा, जल उत्सव दौड़ या मैराथन का आयोजन, जल संपदा परिसर में एक पेड़ माँ के नाम के तहत पेड़ लगाना भी पखवाड़े के लिए नियोजित गतिविधियां हैं। जल उत्सव के दौरान पेयजल और स्वच्छता विभाग की नल जल मित्र पहल के तहत कौशल विकास के लिए लोगों को भी नामांकित किया जाएगा। संवेदनशीलता और क्षमता निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूहों और आशा कार्यकर्ताओं को भी इस उत्सव में शामिल किया जा रहा है।
जल उत्सव का उद्देश्य जल संसाधनों के संरक्षण में छात्रों, परिवारों और स्थानीय समुदायों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के बीच जिम्मेदारी की भावना पैदा करके जल को जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में मनाना है।
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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव