
मुंबई, 7 जून ( हि. स. )संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के येउर वन क्षेत्र में बढ़ते प्लास्टिक कचरे से जैव विविधता और येउर पर्यावरण सौंदर्य को खतरा पैदा हो रहा है, वहीं ठाणे वन विभाग और पर्यावरणविदों ने इस मुहिम में मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। इस पहल के तहत वन क्षेत्र से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक, कांच और अन्य ठोस कचरे को एकत्र किया गया।
ठाणे शहर से सटे हुए येउर पर्वतीय क्षेत्र खूबसूरत वादियों जंगलों झरने सरोवर से घिरा हुआ है। ठाणे मनपा ट्रांसपोर्ट की बस सेवा ठाणे स्टेशन से प्रति बीस मिनट के अंतर पर है।यहां खूबसूरत वादियों जंगलों के साथ साथ फल फूलों से लदे पौधे और घनी छाया देने वाले वृक्ष भी हैं।इसके साथ ही हिरण मोर तोता,गिलहरी ,विभिन्न प्रकार के पक्षी यहां विहार करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में येउर वन क्षेत्र में आने वाले नागरिकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। नतीजतन, प्लास्टिक की बोतलों, थैलियों, खाद्य रैपरों और पीने के बाद फेंकी गई कांच की बोतलों के कारण जंगल में कचरे की मात्रा बढ़ गई है। इस कचरे ने न केवल जंगल की सुंदरता को खतरे में डाला है, बल्कि जानवरों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाया है।
इस संदर्भ में, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन संरक्षक और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की निदेशक अनीता पाटिल और उप निदेशक प्रदीप पाटिल के मार्गदर्शन में वन विभाग और पर्यावरणविदों द्वारा संयुक्त रूप से यह सफाई अभियान चलाया गया। शुक्रवार सुबह शुरू हुई इस पहल में भाग लेने वाले कर्मचारियों ने दस्ताने और कचरा संग्रहण सामग्री पहनकर जंगल में घूमकर विभिन्न भागों से प्लास्टिक, थर्मोकोल, कांच, सिगरेट के पैकेट और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को एकत्र किया। वनपाल रमाकांत मोरे ने यह जानकारी दी।
इस पहल के दौरान वन विभाग ने पर्यावरण जागरूकता के लिए सूचना बोर्ड भी लगाए। कृपया जंगल में प्लास्टिक न फेंके, प्रकृति हमारी भावी पीढ़ियों का अधिकार है जैसे संदेशों के माध्यम से पर्यटकों को उनकी जिम्मेदारी के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस सफाई अभियान में वनपाल रमाकांत मोरे, आशुतोष पवार, केशव बनसोडे और पर्यावरणविद् मिलिंद जाधव, अतुल मोरे, नीलेश शिवशरण आदि ने अथक परिश्रम किया।
येउर वन विभाग के उप निदेशक प्रदीप पाटील ने कहा कि जंगल सिर्फ पर्यटकों के लिए सेल्फी पॉइंट नहीं है, बल्कि हजारों वन्यजीवों का घर है। ऐसे अभियानों के माध्यम से लोगों को इस बारे में समझाना बहुत जरूरी है। येऊर में आज का सफाई अभियान एक सकारात्मक शुरुआत है – जो भविष्य में स्थायी पर्यावरण संरक्षण की नींव बन सकता है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
