
मुंबई,27मार्च ( हि.स.) । सह्याद्री प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विधायक संजय केलकर के मार्गदर्शन और सह्याद्री प्रतिष्ठान ठाणे जिला की ओर से आज ठाणे सेंट्रल जेल में ‘ठाणे मुक्ति दिवस’ बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह वर्ष 11वाँ वर्ष था।
इस कार्यक्रम में आइए. केलकर के साथ विधायक निरंजन डावखरे, दुर्गारत्न श्रमिक गोजमगुंडे, इतिहासकार मकरंद जोशी, जेल अधीक्षक रानी भोसले, उप अधीक्षक भोसले, टीएमसी परिवहन सदस्य विकास पाटिल, सह्याद्री प्रतिष्ठान के ठाणे जिला अध्यक्ष महेश विनेरकर, आरिफ बडगुजर, संतोष सालुंके उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज, बाजीराव पेशवा, चिमाजी अप्पा, बलकावड़े, अंजुरकर, नाइक और धामढेरे के चित्रों पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए गए। जय छत्रपति शिवाजी महाराज, हर हर महादेव के जयघोष से वातावरण शिवमय हो गया।
विधायक संजय केलकर ने कहा कि 27 मार्च 1737 को हमारा ठाणे पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त हुआ था, 288 वर्ष बीत गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘ठाणे मुक्ति दिवस’ उनकी स्मृति में मनाया जाता है। उन्होंने सह्याद्री प्रतिष्ठान के संस्थापक दुर्गारत्न श्रमिक गोजमगुंडे के कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। यदि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को जीवित रखना चाहते हैं, तो हमें उनके द्वारा बनाए गए किलों की रक्षा करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बरकरार रहें। मेरे मार्गदर्शन में हाल ही में सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार के साथ 25 संगठनों की बैठक हुई। इसमें न केवल किले और किले के संरक्षण पर चर्चा की गई, बल्कि 12 महत्वपूर्ण किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध कराने के प्रयास चल रहे हैं। केलकर ने कहा। सह्याद्रि प्रतिष्ठान सबसे बड़ा संगठन है और इसका कार्य दूर-दूर तक किया जा रहा है। इस फाउंडेशन के 30,000 से अधिक सदस्य हैं।विधायक निरंजन डावखरे ने कहा कि इतिहास भूलने वालों का भविष्य निश्चित रूप से अंधकारमय है। उन्होंने कहा कि इतिहास बताने के लिए स्कूली विद्यार्थियों को ऐसे कार्यक्रमों में लाया जाना चाहिए।
इतिहासकार मकरंद जोशी ने ठाणे मुक्ति दिवस के बारे में जानकारी दी। दुर्गारत्न श्रमिक गोजमगुंडे ने भी किले और सह्याद्री प्रतिष्ठान के बारे में जानकारी दी और कहा कि किले पर जीर्ण-शीर्ण प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार सह्याद्री प्रतिष्ठान के माध्यम से चल रहा है। जेल अधीक्षक रानी भोसले ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन नीलेश कोली ने किया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
