
जयपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वैशाख शुक्ल तृतीय बुधवार को अक्षय तृतीय (आखातीज) के रुप मे पारिजात, गजकेसरी, केदार, काहल, हर्ष, उभयचरी और वाशी नाम के सात राजयोग में भक्तिभाव से शहर के विभिन्न मंदिरों में मनाई गई। जहां पर श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से ठाकुर जी पूर्जा-अर्चना की। इस सात राजयोग में तीन अन्य शुभ योग -संयोग भी रहा। इन शुभ योगों में लोगों ने जमकर खरीदारी की। देशभर के विभिन्न मंदिरों में महंतों ने ठाकुर जी का अभिषेक कर उन्हे चंदन का लेप किया और शीतल व्यंजनों का भोग अर्पित करते हुए ऋतु फलों का भोग लगाया।
आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर
आराध्य देव गोविंद देव जी सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी का चंदन श्रृंगार किया गया। सुबह मंगला झांकी के बाद ठाकुर जी का अभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुरजी के चंदन लेप कर केसरिया रंग की नई धोती और दुपट्टा पोशाक धारण करवाया गया। शीतलता प्रदान करने के लिए फव्वारा चलाकर ठाकुरजी को ठंडक का अहसास कराया। कूलर सेवा शुरू की गई। इसके साथ ही मिट्टी के घड़े में पानी भरा गया। भोग में ठाकुरजी को बेसन के लड्डू, पांच तरह के फल, पंचमेवा, भीगी हुई दाल और सत्तू का भोग लगाया गया। अब ठाकुर जी सुबह धोती—दुपट्टा धारण करेंगे। प्रतिदिन ठाकुर जी को चंदन लेप कर ठंडी तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं पहनावे में सूती मखमल की पोशाक के साथ ठाकुर जी को धोती—दुपटट्टा धारण कराया जाएगा। ऋतु फलों आम, खरबूजा, तरबूज, ठंडाई, सत्तू आदि का भोग लगाया गया।
सरस निकुंज में भी हुआ विशेष आयोजन, चंदन सेवा के पदों से रिझाया:
अक्षय तृतीया पर सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित शुक संप्रदाय की आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी जू सरकार का चंदन श्रृंगार किया गया और नटवर स्वरूप पोशाक धारण कराई गई। पीताम्बरी और पुष्पों की झांकी सजाई गई। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी को शीतल व्यंजनों और फलों का भोग लगाकर इस दौरान आखातीज त्योहार आली, जुगल कीनो चंदन श्रृंगार जैसे पदों का गायन किया गया।
रामगंज बाजार स्थित मंदिर श्री लाडली जी:
रामगंज बाजार स्थित मंदिर श्री लाडली जी में अक्षय तृतीया पर्व पर चंदन यात्रा निकाली गई। ठाकुर जी के सर्वांग चंदन दर्शन कराए गए। महंत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में चंदन और इत्र सेवा कर शीतल भोग लगाए गए। इसमें सत्तू के लड्डू, आम रस, केसर, पिस्ता, बादाम युक्त, मक्खन फलों के विशेष भोग अर्पित किए गए।
यहां भी हुए आयोजन:
खजाने वालों का रास्ता स्थित श्री बद्रीनाथ मंदिर में विशेष अभिषेक और पूजन हुआ। इसके बाद हवन और आरती हुई। चांदनी चौक स्थित देवस्थान विभाग के मंदिर श्री आनंद कृष्ण बिहारी जी में ठाकुर जी का अभिषेक कर झीने कपड़े की पोशाक धारण करवाई गई। ठाकुरजी के ऋतु फलों आम, खरबूजा, तरबूज, ठंडाई, सत्तू आदि का भोग लगाया गया। अब ठाकुर जी के भोग राग में बदलाव कर दिया गया है। ठाकुर जी को ठंडी तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
आमेर के बद्रीनाथ मंदिर में अक्षय तृतीया मेले का आयोजन
आमेर के बद्रीनाथ के मंदिर में अक्षय तृतीया को वार्षिक मेला भरा। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान बद्रीनारायण के दर्शन किए। श्याम वर्ण की पाषाण प्रतिमा का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से अभिषेक कर ठाकुरजी को नवीन पोशाक धारण कराई गई। मोगरे के सुगंधित फूलों से फूल बंगला झांकी सजाई गई। दाल, ककड़ी, मिश्री, आम, तरबूज का भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना कर पानी से भरे मटके अर्पित किए। भगवान को फल अर्पित कर बीजणी से हवा की। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भक्त अक्षय तृतीया को उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ धाम नहीं जा पाते वे आमेर के बद्रीनाथ मंदिर में आकर दर्शन लाभ प्राप्त करते है।
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(Udaipur Kiran)
