RAJASTHAN

डोल ग्यारस पर जल विहार को निकले ठाकुरजी

डोल ग्यारस पर जल विहार को निकले ठाकुरजी

जयपुर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । भाद्रपद शुक्ल एकादशी शनिवार को जलझूलनी एकादशी धूमधाम से मनाई गई। शाम को मंदिराें से डोल निकले। शालिग्रामजी को पालकी में विराजमान कर शंख-घंटा-घडिय़ाल बजाते हुए जयकारों के साथ डोल यात्राएं निकाली गई। श्रद्धालु डोल के नीचे से निकले। ठाकुरजी के दर्शन किए। इसके बाद ठाकुरजी को जल विहार कराया गया।

आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में जल झूलनी एकादशी झूलन महोत्सव के रूप में मनाई गई। मंदिर महंत अंजन कुमार जी गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्री शालिग्रामजी भगवान को चांदी के खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिमी चौक तुलसी मंच पर ले जाया गया। यहां वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर चंदन श्रंगार किया गया। आरती और भोग अर्पण के बाद हरिनाम संकीर्तन के साथ तुलसी मंच की चार परिक्रमा कराकर पुन: ठाकुर श्री शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान कर मंदिर की एक परिक्रमा कराकर निज मंदिर में प्रवेश कराया गया। शालिग्रामजी को ठाकुर श्रीजी के समीप विराजमान किया गया। उसके बाद संध्या झांकी आरती दर्शन खुले। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने विशेष झांकी के दर्शन किए।

इससे पूर्व ठाकुर श्रीजी का सुबह मंगला झांकी बाद वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। लाल रंग की नवीन नटवर वेश की पोशाक धारण कराकर गोचारण लीला के विशेष श्रंगार धारण कराए गए। ठाकुरजी को 1100 किलो फलों का भोग लगाया गया। फलों में विशेष रूप से सेव, नाशपती, पपीता, अनार, अन्नानास, अंगूर शामिल थे।

मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष द्वादशी रविवार को वामन जयंती मनाई जाएगी। निज मंदिर में राजभोग झांकी पूर्व शालिग्राम जी (नारायण जी) का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद राजभोग आरती के दर्शन होंगे। वहीं, भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर निज मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में राजभोग झांकी पूर्व ठाकुर श्री शालिग्राम जी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद राजभोग आरती के दर्शन होंगे। ठाकुर जी को नवीन केसरिया लप्पा जामा पोशाक एवं विशेष अलंकार श्रृंगार धारण कराया जाएंगे।

सरस निकुंज में सजी पालकी झांकी

सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में शनिवार को जलझूलनी-परिवर्तनी एकादशी पर पालकी झांकी के दर्शन कराए गए। श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में श्री सरस परिकर की ओर से सामूहिक रूप से पदावलियों गायन किया गया। शालिग्राम जी को परिकर में भ्रमण कराकर जल विहार का भाव कराया गया।

यहां भी मनाया एकादशी का उत्सव:

चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी को जल विहार कराया गया। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी के सान्निध्य में विशेष उत्सव झांकी सजाई गई। रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में महंत डॉ. संजय गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुरजी को जल विहार के पदों से रिझाया गया।

जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में लड्डू गोपाल को कृत्रिम सरोवर में जल विहार कराया गया। भक्त कृष्णनाम संकीर्तन करते रहे।

आस्था से भरे जगन्नाथ सरोवर में लक्ष्मी जगदीश जी ने किया नौका विहार

गोनेर के श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर में जलझूलनी एकादशी पर भगवान लक्ष्मी जगदीश महाराज मेला भरा। महंत हनुमान दास के सान्निध्य में सुबह ठाकुरजी का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। मेले में जयपुर के अलावा दौसा, करोली, सवाई माधोपुर, अलवर, टोंक सहित कई जिलों के श्रद्धालु जगदीश महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंचे। शाम को आराध्य देव लक्ष्मी जगदीश भगवान अपने निज मंदिर से शहनाई, बैंड बाजों की मधुर ध्वनि के साथ जयकारों के साथ जगन्नाथ सरोवर पर ले जाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम डोल यात्रा में शामिल हुआ। सरोवर में नाव से ठाकुरजी को जल विहार कराया गया।

लौटने पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और आरती उतारी गई। श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर प्रबंध समिति गोनेर के महंत हनुमान दास ने बताया कि गोनेर जगन्नाथ सरोवर तालाब 1981 की बाढ़ के बाद इस बार पूरा भरा है। राम जी, सीता माता, राधा-कृष्ण, बलराम जी, गणेश जी, हनुमान जी, हवन-यज्ञ करते देवतागण, भोलेनाथ की बारात, कालिया मर्दन के साथ बर्फानी बाबा सहित डेढ़ दर्जन विशेष झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही। ठाकुरजी को लबालब भरे जगन्नाथ सागर में नौका विहार कराया गया। विजय हनुमान मंदिर के सामने आरती उतारने के बाद ठाकुर जी की नौका को मुख्य घाट पर लाया गया। जहां से जगदीश भगवान पालकी में विराजमान होकर पुन: निज मंदिर के लिए प्रस्थान किया। शोभायात्रा में बलवंत व्यायामशाला के स्वयंसेवकों ने करतब दिखाया।

इस मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने गोताखोर की व्यवस्था की। स्काउट गाइड के करीब 50 स्वयंसेवकों ने भी सेवाएं दीं। मंदिर में सभी को मालपुआ खीर का प्रसाद वितरण किया गया।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top