टेक्सास, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए टेक्सास एक नई चिंता का कारण बनता जा रहा है, जहां छात्र वीज़ा रद्द किए जाने की घटनाओं में अचानक तेजी आई है। स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम (सेविस) के माध्यम से 122 से अधिक छात्रों की वीजा स्थिति समाप्त कर दी गई है, जिससे उनका कानूनी दर्जा खतरे में पड़ गया है।
प्रभावित छात्रों में अधिकांश दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व से हैं और अधिकांश मामले टेक्सास के प्रमुख विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ टेक्सास (यूएनटी) से 27 छात्र, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, अर्लिंगटन से 27 छात्र, टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी के 23 छात्र, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, डलास के 19 छात्र, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास रियो ग्रांडे वैली के 9 छात्र, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एल पासो के 10 छात्र, टेक्सास वीमेन यूनिवर्सिटी से 4 छात्र और टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के 3 छात्र शामिल हैं।
टेक्सास विश्वविद्यालयों ने यह पुष्टि की है कि वे प्रभावित छात्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ टेक्सास (यूएनटी) के एक फैकल्टी सदस्य ने बताया कि शुरू में 16 छात्रों की सेविस स्थिति समाप्त की गई थी, जो अब बढ़कर 27 हो चुकी है। इनमें से 19 छात्र स्नातकोत्तर स्तर के हैं।
हाल ही में अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने घोषणा की है कि वह अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी करेगा, खासकर यहूदी विरोधी सामग्री की पहचान के लिए। यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दो कार्यकारी आदेशों के बाद उठाया गया है, जो कॉलेज परिसरों पर हुए प्रोपलिस्तीनी प्रदर्शनों के जवाब में आए हैं।
डलास के आव्रजन वकील नायम सुखिया ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, “सेविस से हटाना छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इससे उन्हें बिना उचित प्रक्रिया के देश से बाहर करने की स्थिति बन जाती है।” उन्होंने कहा कि वीजा स्थिति समाप्त होने के बाद छात्रों के पास केवल दो विकल्प होते हैं, या तो वे देश छोड़ दें या फिर रि-इंसटेटमेंट (बहाली) की लंबी और जटिल प्रक्रिया अपनाएं। उन्होंने छात्रों से तुरंत अपने डिजिग्नेटेड स्कूल ऑफिशियल्स (डीएसओ) से संपर्क करने की सलाह दी है।
इस मुद्दे पर #SaveTexasStudents नाम से एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू हुआ है, जो प्रभावित छात्रों को समर्थन और न्याय दिलाने की मांग कर रहा है। कई छात्र और अधिवक्ता अब इस फैसले को अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
