कोलकाता, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दक्षिण 24 परगना जिला अंतर्गत कैनिंग इलाके में पिछले लंबे समय से सक्रिय रहे जावेद मुंशी को लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं। जावेद को काश्मीर में आतंकी के तौर पर चिह्नित किया गया है। पश्चिम बंगाल पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स में जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर उसे गिरफ्तार किया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि जावेद साल 2022 में करीब 25 दिनों तक यहां रुका था। इस दौरान उसने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल, साइंस सिटी और धर्मतला जैसे महत्वपूर्ण इलाकों का दौरा किया। वह अपने साले गुलाम मोहम्मद के साथ इन इलाकों में घूमता रहा।
गुलाम मोहम्मद पिछले 30 वर्षों से सर्दियों के मौसम में कैनिंग में गर्म कपड़ों का कारोबार कर रहे हैं। उनका एक भाई भी इसी तरह से कैनिंग में व्यापार करता है। इस साल गुलाम ने कैनिंग अस्पताल मोड़ के पास स्थित ढालीपाड़ा इलाके में मुनब्बर पियादा के घर में किराए पर कमरा लिया था। हालांकि, इससे पहले वह लंबे समय तक कैनिंग गर्ल्स स्कूल पाड़ा इलाके में रह चुके हैं।
स्थानीय निवासी जगदीश प्रमाणिक ने बताया कि जावेद ने खुद को गुलाम का रिश्तेदार बताया था। उसने कहा था कि वह कश्मीर से घूमने आया है और कोलकाता के अलग-अलग इलाकों को देखना चाहता है। लेकिन उस वक्त उसकी गतिविधियों पर संदेह करने का कोई कारण नजर नहीं आया। अब जब हमें पता चला है कि वह एक आतंकी संगठन से जुड़ा था, तो हम काफी डरे हुए हैं।
——–
जांच एजेंसियां अलर्ट पर
जांच एजेंसियों के अनुसार, जावेद मुंशी कश्मीर के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य है। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, 50 हजार रुपये नकद और श्रीनगर के पते वाला आधार कार्ड बरामद किया है। इसके अलावा, उसके पास से कुछ हस्तलिखित नोट्स भी मिले हैं, जिन्हें डिकोड करने का प्रयास जारी है।
पुलिस के अनुसार, जावेद के कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किन लोगों के संपर्क में था। खासतौर पर उसके बांग्लादेशी संपर्कों की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि वह दिल्ली में किन लोगों से मिला था।
——–
बांग्लादेश भागने की योजना थी
एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि जावेद ने कैनिंग को एक रणनीतिक ठिकाने के रूप में चुना था। उसका उद्देश्य सुंदरबन के जल मार्ग का इस्तेमाल कर बांग्लादेश में घुसने का था। पुलिस को संदेह है कि वह बंगाल की जमीन का उपयोग अपने आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कर रहा था।
गुलाम मोहम्मद और उसके परिवार की भूमिका भी जांच के दायरे में है। सूत्रों के अनुसार, 2008 में जावेद ने गुलाम की बहन से शादी की थी। हालांकि, जावेद पहले से ही आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ था। अब जांच एजेंसियां इस बात का पता लगा रही हैं कि परिवार को उसकी आतंकी गतिविधियों की जानकारी थी या नहीं।
——-
स्थानीय लोगों में दहशत
जावेद के आतंकी संगठन से जुड़े होने की खबर से स्थानीय लोग डरे हुए हैं। उनका कहना है कि ऐसे व्यक्ति के इतने लंबे समय तक इलाके में रहने की बात से उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। सोमवार से मुनब्बर के घर का मुख्य दरवाजा बंद है, और कोई भी परिवार का सदस्य मीडिया से बात करने को तैयार नहीं है।
फिलहाल, बंगाल एसटीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस जावेद से पूछताछ कर रही है। उसकी गतिविधियों और संभावित नापाक इरादों को लेकर जांच तेज कर दी गई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर