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टेरर फंडिंग मामला: इंजीनियर रशीद ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका वापस ली

दिल्ली हाई कोर्ट फाइल फोटो

नई दिल्ली, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और सांसद इंजीनियर रशीद ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका वापस ले ली है। हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल एनआईए कोर्ट को निर्देश दिया कि वो इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर जितनी जल्द हो सके सुनवाई कर फैसला करें।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिले स्पष्टीकरण के बाद दिल्ली हाई कोर्ट की रजिस्ट्री ने बताया था कि पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल एनआईए कोर्ट इंजीनियर रशीद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर सकता है।

दस फरवरी को हाई कोर्ट ने रशीद को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पेरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी। उसके बाद रशीद ने संसद सत्र में हिस्सा लिया था। रशीद इंजीनियर ने 4 अप्रैल तक चलने वाले संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी।

हाई कोर्ट ने 23 जनवरी को एनआइए को नोटिस जारी किया था। रशीद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर 2024 को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। 10 सितंबर 2024 को पटियाला हाउस कोर्ट ने रशीद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद से कोर्ट ने रशीद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी। रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी। रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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