Maharashtra

सरकारी ठेके में पारदर्शिता हेतू ठाणे से टेंडर ऑन मेरिट अभियान

Tender on merit campaign will run from Thane

मुंबई 4अप्रैल ( हि.स.) । अब जबकि सरकारी टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। प्रायः केवल विशिष्ट ठेकेदारों को ही ठेके मिलते हैं। आरोप है कि इसके पीछे अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत है। सामाजिक कार्यकर्ता अजय जेया ने आज ठाणे में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस समस्या का समाधान ढूंढने तथा ईमानदार ठेकेदारों की मदद के लिए प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया लागू करने के उद्देश्य हेतू ठाणे से टेंडर ऑन मेरिट अभियान शुरू किया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अजय जेया का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में मीडिया, उच्च न्यायालय और विभिन्न सरकारी निकायों में कई शिकायतें दर्ज कराईं। हालाँकि, कानूनी प्रक्रिया में अक्सर कहा जाता है कि शिकायतकर्ता को प्रभावित पक्ष होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं है, तो उसकी शिकायत की अदालत में ज्यादा गुंजाइश नहीं है। इससे न केवल भ्रष्टाचार उजागर होता है, बल्कि टेंडर प्रक्रिया में भी स्वच्छता की आवश्यकता पर बल दिया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, योग्यता के आधार पर निविदा – कोई भ्रष्टाचार नहीं, केवल उच्च गुणवत्ता! यह आंदोलन शुरू हो चुका है। सामाजिक कार्यकर्त्ता अजय का दावा है कि इस आंदोलन का उद्देश्य निविदा प्रक्रिया में योग्य और सक्षम पेशेवरों को शामिल करके भ्रष्ट लोगों के प्रभाव को खत्म करना है। भ्रष्ट तंत्र के कारण बड़ी संख्या में अच्छे उद्यमी और ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में शामिल होने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि यहां कोई नैतिकता या गुणवत्ता लागू नहीं होती। हालाँकि, यदि अच्छे लोग निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे तो भ्रष्ट लोग इस पर हावी हो जायेंगे। सरकारी विभागों में कई भ्रष्ट अधिकारी निविदाओं की शर्तों को इतना जटिल और अप्रासंगिक बना देते हैं कि केवल वे लोग ही निविदाएं जीत पाते हैं जिन्हें वे जानते हैं या जिनके वे करीबी हैं। इसलिए, कई योग्य और ईमानदार पेशेवर इस प्रक्रिया से बाहर रह जाते हैं। इस अन्याय को रोकने के लिए टेंडर ऑन मेरिट आंदोलन शुरू किया गया है।

इस अभियान के तहत अजय जेया और उनके साथियों ने एक रणनीति तैयार की है जिसके माध्यम से ईमानदार पेशेवरों को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पूर्ण समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक विशेष कानूनी टीम गठित की गई है।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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