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गैर इरादतन हत्या के दोषियों को दस वर्ष का कारावास

प्रतिकात्मक फोटो

फिरोजाबाद, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने सोमवार को गैर इरादतन हत्या के तीन दोषियों को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया।

खैरगढ़ के स्यावरी गांव में कुछ लोगों ने रंजिश वश 16 अगस्त 2000 को टीकम सिंह पर प्राणघातक हमला किया था। गंभीर हालत देख परिवारीजन उसे उपचार के लिए आगरा ले गए। आगरा में दूसरे दिन 17 अगस्त को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में टीकम सिंह के साले राजाराम ने नाहर सिंह पुत्र रामकिशन, जगदीश पुत्र मनोहर लाल, वीरपाल पुत्र महावीर, सोमवीर पुत्र चोखेलाल, भवर सिंह पुत्र डोरी लाल तथा डोरी लाल पुत्र सुखलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सभी स्यावरी के रहने वाले हैं। पुलिस ने विवेचना के बाद सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या दो सर्वेश कुमार पांडे की अदालत में चला।

अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे एडीजीसी प्रेम सिंह व अवधेश शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान नाहर सिंह पुत्र रामकिशन की मृत्यु हो गई।

मुकदमे में कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष के आधार पर न्यायालय ने जगदीश पुत्र मनोहर लाल, अमर सिंह पुत्र डोरी लाल तथा डोरी लाल पुत्र सुख लाल को दोषी माना। न्यायालय ने तीनों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 25-25 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ बंद न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में वीरपाल पुत्र महावीर तथा सोमवीर पुत्र चोखेलाल को दोष मुक्त कर दिया।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़ / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा

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