Haryana

हिसार : श्री तिरुपति बालाजी धाम में दस दिवसीय गोदांबा माता उत्सव धूमधाम से शुरू

श्री तिरुपति धाम में माता गोदांबा की सवारी शोभा यात्रा में हिस्सा लेेते श्रद्धालुगण।

श्री तिरुपति धाम के गोदांबा माता उत्सव में माता गोदांबा की निकली सवारी शोभा यात्रा

हिसार, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । विभिन्न संस्कृतियों में सामंजस्य स्थापित करने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम में दस दिवसीय गोदांबा माता उत्सव की धूमधाम से शुरूआत हुई। मंगलवार प्रात: पूरे विधि विधान से माता गोदांबा की पूजा व आराधना की गई और सायंकाल माता गोदांबा के विग्रह को विशाल तोता के प्रतिरूप सवारी पर स्थित पालकी में विराजमान करके शोभा यात्रा निकाली गई।

विशाल रथ और उस पर स्थापित तोता की सवारी और ऊपर विराजमान माता गोदांबा, यह दृश्य देखकर श्रद्धालु अभिभूत हो गए और पूरा तिरुपति धाम परिसर जय श्रीमन्ननारायण, जय तिरुपति बालाजी और जय माता गोदांबा के उदघोष से गुंजायमान हो उठा। इस रथ को भक्तों ने अपने हाथों से खींचकर धाम की परिक्रमा की। शोभा यात्रा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं में गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया। माता गोदांबा उत्सव में हिसार व आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस उत्सव का समापन 7 अगस्त को होगा। हर रोज पूजा-अर्चना के उपरांत सायंकाल माता गोदांबा की सवारी शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस उत्सव में दूर-दराज के क्षेत्रों से भी श्रद्धालु हिस्सा लेने के लिए श्री तिरुपति धाम पहुंच रहे हैं।

गोदांबा माता उत्सव में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं को श्री तिरुपति बालाजी धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के दर्शन का भी अवसर मिला। श्रद्धालुओं ने यहां पर स्थापित 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम्, श्री तिरुपति यज्ञशाला व श्रीनिवास गोशाला के भी दर्शन किए।

माता गोदांबा को माना जाता भूदेवी का अवतार

श्री गोदांबा माता को भूदेवी का अवतार माना जाता है। श्री गोदांबा का अविर्भाव एक बालिका के रूप में भगवान के परमभक्त श्री विष्णुचित्त के नंदनवन में तुलसी के पौधे की छाया में हुआ। भगवान के प्रति भक्ति और प्रगाढ़ आस्था के चलते माता गोदांबा भगवान विष्णु जी के श्री रंगनाथ स्वरूप में अपने पति-परमेश्वर की छवि देखने लगी। एक वक्त ऐसा भी आया जब भगवान विष्णु जी की अनुकंपा से गोदांबा श्री रंगनाथ में विलीन होकर रंगनायकी बन गई।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA

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