Delhi

सरोजनी नगर में दस दिवसीय विकसित भारत ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का आयोजन

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष विकसित भारत ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए

नई दिल्ली, 16 मई (Udaipur Kiran) । नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने शुक्रवार को सरोजनी नगर स्थित नवयुग स्कूल में आयोजित 10 दिवसीय विकसित भारत ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला 16 से 25 मई तक, पंचतंत्र की कहानियों के विषय पर आधारित हैं और कक्षा 5वीं से 11वीं तक के छात्रों के लिए आयोजित की गई है।

उद्घाटन के बाद चहल ने कहा कि हमने एनडीएमसी के स्कूली छात्रों को देश के विभिन्न राज्यों की कलाओं से अवगत कराने के लिए देश के कोने-कोने से प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया है, ताकि हमारे छात्र देश के विभिन्न क्षेत्रों की कलाओं का अनुभव कर सकें और उसे अपने ज्ञान में शामिल कर सकें।

कुलजीत सिंह चहल ने आगे कहा कि कला एक ऐसी विधा है जिसकी अपनी सार्वभौमिक भाषा होती है। जिसे हर कोई कहीं भी समझ सकता है। दुनिया की अनेक भाषाएं और उनके अनुभव कला के माध्यम से ही पूरे विश्व में एक समान रूप से समझे जाते हैं। यही कला की सर्वोच्च शक्ति है। चहल ने कहा कि आज का भारत न केवल विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है, बल्कि एक वीर भारत भी बन रहा है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इसी वीर भारत का प्रमाण है।

आगे चहल ने घोषणा की कि सरोजनी नगर स्थित नवयुग स्कूल परिसर में जल्द ही एक आर्ट गैलरी का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणामों में 100 और 99 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को भी सम्मानित भी किया। इसी क्रम में

एनडीएमसी के सलाहकार (संस्कृति) हर्षवर्धन ने कहा कि कला रंगों की दुनिया है, जो दुनिया को खुशनुमा बनाती है और हमारे स्वभाव और प्रवृत्ति में ऊर्जा लाती है। रंग हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, जो तनाव को दूर करने का काम करते हैं। इस कार्यशाला में देश के महान कलाकार बच्चों को कला के विभिन्न रूपों के अपने अनुभव से अवगत कराएंगे ताकि बच्चे रंगों और आकृतियों के माध्यम से कैनवास पर अपनी कल्पनाओं को साकार कर सकें।

वहीं इस कार्यशाला में दस स्कूलों के 120 छात्रों के लिए प्रमुख कलाकारों के साथ दैनिक सत्र, समूह कला परियोजनाएं और व्यक्तिगत पोर्टफोलियो, कला प्रशंसा, कहानी कहने के तत्व और अंतिम दिन प्रदर्शनी जैसी गतिविधियां शामिल रहेंगी ।

इस कला कार्यशाला में पदमश्री भज्जू श्याम (मध्य प्रदेश), पदमश्री अद्वैत गडनायक (ओडिसा), पदमश्री बिमान बी दास (नई दिल्ली), पदमश्री जय प्रकाश (राजस्थान), अन्य प्रमुख वरिष्ठ कलाकार – सुरेंद्र जगताप (महाराष्ट्र) अनिल नाइक (महाराष्ट्र), वीरेन तंवर (उत्तर प्रदेश), दत्तात्रेय आप्टे (नई दिल्ली), कल्याण जोशी (राजस्थान), जगन्नाथ पांडा (हरियाणा), नरेंद्र पाल सिंह (नई दिल्ली), कंचन चंदर (नई दिल्ली), मनीष गोंड (हिमाचल प्रदेश) और प्रणाम सिंह (उप्र) भाग लेंगे।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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