
जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष दत्ता शिर्के ने लगाए आरोप
मुंबई/गडचिरौली, 5 मई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से तेलंगाना सरकार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। नतीजन बीते दिनों घेरे गए नक्सलियों को कथित तौर पर भागने का मौका मिल गया। आदिवासियों के कल्याण के लिए सेवारत जनसंघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार राजनीति के चलते नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष दत्ता शिर्के ने बताया कि छत्तीसगढ मे स्थित करेगुट्टा की पहाडियों पर लगभग पांच हजार फीट कि उंचाई पर लगभर तीन हजार नक्सली घिर गए थे। यह वही इलाका है. जहां कुख्यात नक्सली हिड़मा, देवा, दामोदर, आजाद और सुजाता जैसे हार्डकोर नक्सली अपना अड्डा बनाए हुए थे। सीआरपीएफ, छत्तीसगढ पुलिस तथा तेलंगाना के जवानों ने इन नक्सलियों को चारो ओर से घेर लिया था। लेकिन अचनाक से तेलंगाना पुलिस कारवाई से पीछे हट गई । नतीजन दुर्दांत नक्सली नेताओं को तेलंगाना के जंगलों मे भागने का मौका मिल गया। शिर्के ने आरोप लगाया कि राजनितीक रोटियां सेकने के लिए तेलंगाना सरकार ने देश से गद्दारी की है। नक्सलियों के खिलाफ छेडे गए इस बड़े ऑपरेशन में शामिल कुछ जवान हीट स्ट्रोक का शिकार होने के बाद वापस लौटे, तब ऑपरेशन से जुड़ी और जानकारी सामने आई । ये ऑपरेशन जिस इलाके में चल रहा है, वहां सिर्फ छत्तीसगढ़ के जवान ही मैदान में डटे हुए हैं। तेलंगाना के भद्रादि कोत्तागुडेम जिले के एएसपी विक्रांत सिंह ने बयान दिया कि इस ऑपरेशन में तेलंगाना पुलिस या फिर ग्रेहाउंड्स इस शामिल नहीं है।
दत्ता शिर्के ने बताया कि इतनी बडी संख्या मे नक्सलियों के खात्मे की आशंका को देखते हुए
पूर्व जस्टिस चंद्रकुमार, प्रोफेसर हरगोपाल आदि ने 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को चिठ्ठी लिख कर नक्सलियो से संवाद स्थापित करने के आग्रह किया था। इन लोगो ने एक तरह से तेलंगना सरकार पर दबाव बनाया, जिसके चलते तेलंगाना सरकार झांसे मे फंस गई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ कांग्रेस के कई बडे नेताओ को मौत के घाट उतार कर नक्सलियो ने राज्य मे कांग्रेस का बडा नुकसान किया है। ऐसे मे यदी केंद्र सरकार के साथ मिल कर तेलंगना पुलिस नक्सलियो के खात्मे को अगर अंजाम देती तो कांग्रेस का बदला पूरा हो जाता।
शिर्के ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बल और छत्तीसगढ, तेलंगाना और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाको को अपने कब्जे मे ले कर कारवाई करे। ऐसा करने से राज्यो को राजनीति करने का मौका नही मिलेगा और नक्सल आंदोलन समाप्त करने मे आसानी होगी। इस मांग को ले कर वह जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजने वाले हैं।
——————————
(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी
