

एनजीबीयू में तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम शिक्षण विधियाँ का हुआ शुभारंभ
प्रयागराज, 14 मई (Udaipur Kiran) । दिव्यांगजनों को शिक्षित कर सबल बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए शिक्षकों को आधुनिक तकनीक सहित ए.आई. तकनीक पर विशेष ध्यान देना होगा,क्योंकि शिक्षा का युग बदल रहा है। यह बात बुधवार को नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुमोदित तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ के मौके पर एनजीबीयू के कुलाधिपति मनीष मिश्र ने कही।
उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में 55प्रतिशत लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जाे एक बड़ी बात है। विश्वविद्यालय में दिव्यांगजन सेंटर बनाने की बात कही।
इस मौके पर उपनिदेशक डीईपीडब्ल्यूडी प्रयागराज अभय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुआयामी कार्य कर रहा है आरसीआई। समेकित शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा पर उन्होंने बल दिया।
प्रयागराज डीईपीडब्ल्यूडी के दिव्यांगजन अधिकारी अशोक कुमार गौतम ने कहा कि शिक्षा को इंटरएक्टिव होना चाहिए। इंटरएक्टिव शिक्षा पद्धति में विद्यार्थियों के पास समाधान खोजने के अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं। विश्वविद्यालय के शोध केंद्र परिसर में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में 18 जिलों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डीन एकैडमिक डॉ. राजेश तिवारी, विश्वविद्यालय का परिचय अधिष्ठाता शिक्षा संकाय डॉ. प्रमोद मिश्रा , मंगलाचरण डॉ आदिनाथ, डॉ. एस.एस. मिश्रा ,राकेश कुमार,कुलसचिव डॉ. हिमांशु टण्डन,कार्यक्रम समन्वयक उदय प्रताप सिंह, कार्यक्रम इंचार्ज विजय प्रकाश तिवारी, रश्मी, नीतू पाण्डेय व बृजेश कुशवाहा सहित शिक्षक एवं छात्र—छात्राएं शामिल हुई।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
