कोलकाता, 30 मई (Udaipur Kiran) ।
एसएससी नियुक्ति घोटाले के खिलाफ आंदोलन कर रहे नौकरी से वंचित शिक्षकों को शुक्रवार को कोलकाता पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया, जब उन्होंने सियालदह से नवान्न की ओर अर्धनग्न मार्च शुरू करने की योजना बनाई थी। मार्च शुरू होने से पहले ही सियालदह में भारी संख्या में तैनात पुलिस ने माइकिंग कर स्पष्ट कर दिया कि किसी भी प्रकार की भीड़ को अनुमति नहीं दी गई है, और कानून उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने एक के बाद एक कर शिक्षकों को प्रिजन वैन में भरना शुरू कर दिया और मार्च को शुरू होने से पहले ही विफल कर दिया गया। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई उनके शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को कुचलने की कोशिश है।
आंदोलनकारी शिक्षकों ने मार्च रोके जाने के बाद प्रतिक्रिया में आज ही डोरिना क्रॉसिंग पर सड़क जाम करने का ऐलान किया। इसकी भनक मिलते ही धर्मतला इलाके में पहले से मौजूद पुलिस ने वहां पहुंच रहे प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लेना शुरू कर दिया। पुलिस पर सख्ती बरतने के आरोप लगाते हुए शिक्षिका शुभ्रा घोष ने कहा कि उन्हें जबरन खींचकर गिराया गया जिससे उनके पैर में चोट लगी। हालांकि शुरू में वह अस्पताल जाने को तैयार नहीं थीं, लेकिन बाद में उन्हें जबरन एम्बुलेंस में डालकर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
कोलकाता पुलिस की डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी ने कहा, “डोरिना क्रॉसिंग और केसी दास के सामने का क्षेत्र बहुत संवेदनशील है। यहां किसी भी तरह के जुलूस की पूर्व जानकारी या अनुमति नहीं थी। अचानक भीड़ इकट्ठा होने लगी, इसलिए हमने कानून के अनुसार कार्रवाई की।” उन्होंने बताया कि डोरिना क्रॉसिंग से लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें विभिन्न थानों में भेजा गया है। एक व्यक्ति के पैर में मोच आई है, जिसे मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
हालांकि आज की कार्रवाई से शिक्षकों का प्रदर्शन बाधित हुआ है, लेकिन आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
