
काठमांडू, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेपाल के सभी निजी तथा सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की हड़ताल का बुधवार को 15वां दिन है। देशभर के शिक्षक आज भी काठमांडू की सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने शिक्षकों की मांग को देखते हुए संसद का बजट अधिवेशन बुलाने का फैसला भी ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद शिक्षक महासंघ सिर्फ आश्वासन पर अपनी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है। महासंघ ने देशभर के बाकी शिक्षकों को भी काठमांडू आने की अपील की है।
प्रधानमंत्री निवास में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों के मुद्दों को हल करने के लिए 25 अप्रैल से संसद सत्र बुलाकर शिक्षक संबंधी विधेयक पेश करने का फैसला लिया है। इसके बाद शिक्षा मंत्री विद्या भट्टराई ने हड़ताली शिक्षकों से आंदोलन खत्म करने का आग्रह भी किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की हड़ताल के कारण दसवीं की बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं हो पा रही है, जिसके साथ ही 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भी विलंब हो रहा है। उन्होंने शिक्षा अधिनियम सहित शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया है।
नेपाल शिक्षक महासंघ की उपाध्यक्ष और सरकार से वार्ता करने के लिए गठित समिति की संयोजक नानुमया पराजुली सहित महासंघ के अन्य नेताओं ने सरकार के इरादे पर अविश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मौखिक आश्वासन मिला है। संसद सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक विधेयक संसदीय समिति के ही पहुंच पाया है, जहां एक-एक बिंदुओं पर सहमति होने में कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। पराजुली ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 15 दिन से आंदोलित शिक्षक खाली हाथ वापस नहीं जाने वाले हैं।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
