CRIME

पाठ्यक्रम समिति में शामिल होने के लिए शिक्षक ने की रिश्वत की पेशकश, शिक्षा मंत्री ने बुलाई पुलिस

सरकारी शिक्षक ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को दिया रिश्वत देने का प्रयास

जयपुर, 9 जून (Udaipur Kiran) । शहर के सोडाला थाना क्षेत्र में स्थित सिविल लाइंस स्थित शिक्षा मंत्री आवास पर एक सरकारी शिक्षक द्वारा रिश्वत देने का मामला सामने आया है। शिक्षक पाठ्यक्रम समिति में शामिल होने के उद्देश्य से मंत्री से मिलने पहुंचा था और इस दौरान उसने कथित तौर पर पांच हजार रुपये का लिफाफा और मिठाई का डिब्बा सौंपा।

मंत्री मदन दिलावर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सोडाला थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार कि आरोपी शिक्षक की पहचान चंद्रकांत वैष्णव के रूप में हुई है, जो बांसवाड़ा जिले के घाटोल ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बुधा में कार्यरत है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वह राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SIERT) द्वारा संचालित पाठ्यपुस्तक लेखन प्रक्रिया में लेखक के रूप में स्वयं को शामिल करवाना चाहता था।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सोमवार को जनसुनवाई के दौरान चंद्रकांत वैष्णव एक प्रार्थना पत्र लेकर उनके आवास पर आया था। वह कक्षा 6 से 8 तक की विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति में स्वयं को शामिल करने की अनुशंसा करवा रहा था। उसने प्रार्थना पत्र के साथ एक मिठाई का डिब्बा और लिफाफा भी सौंपा। मंत्री के अनुसार पहले तो उन्होंने लिफाफे को सामान्य सिफारिश पत्र समझकर रख लिया, लेकिन बाद में संदेह होने पर जब उसे खोला गया तो उसमें पांच हजार रुपये मिले।

बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से जुड़ा रहा है। उसने अपने पत्र में लिखा कि वह भारतीय मजदूर संघ का सक्रिय सदस्य है और शिक्षा विभाग की कई विभागीय गतिविधियों में भी योगदान दे चुका है।

मदन दिलावर ने कहा कि मेरे 35-36 वर्षों के राजनीतिक जीवन में यह पहली बार है। जब किसी ने यह सोचा कि पैसे देकर शिक्षा मंत्री से काम करवाया जा सकता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कुछ लोगों को लगता है कि मंत्री पैसे लेकर काम करते हैं। ऐसी मानसिकता समाज और व्यवस्था दोनों के लिए घातक है। फिलहाल पुलिस और शिक्षा विभाग की अलग-अलग टीमें पूरे मामले की जांच कर रही हैं।

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(Udaipur Kiran)

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