
नैनीताल, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पर्यटन नगरी नैनीताल में टैक्सी वाहनों पर प्रतिबंध एवं पुलिस की सख्ती के विषय पर 12 अप्रैल से वाहनों का संचालन बंद रखने की घोषणा की गयी है। मल्लीताल टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष दीपक मटियाली और तल्लीताल टैक्सी मालिक समिति के अध्यक्ष रमेश जोशी के अनुसार नैनीताल में टैक्सी व मैक्सी वाहन चालकों के शोषण के खिलाफ कुमाऊं महासंघ टैक्सी यूनियन उत्तराखंड के आह्वान पर 12 अप्रैल से वाहनों का संचालन बंद करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने सभी वाहन स्वामियों और चालकों से इस दिन से शटल सेवा और स्कूली वाहनों सहित सभी टैक्सी व मैक्सी वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से रोकने की अपील की है। साथ ही पर्यटन के लिए बाहर गये वाहनों को भी 12 अप्रैल से पहले वापस लौटने को कहा है।
कहा गया है कि जब तक प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह बंदी जारी रहेगी। सभी टैक्सी वालों से एकजुट होकर इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील भी की गयी है।
टीबी नंबरों पर प्रतिबंध से परेशान हैं 3 जुलाई 2017 के बाद पंजीकृत टैक्सी वाले
नैनीताल। उल्लेखनीय है उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के 3 जुलाई 2017 के बाद पंजीकृत टैक्सी वाहनों एवं 166 से बड़े ह्वील बेस की निजी बसों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। तब आरटीओ हल्द्वानी में संयोग से यूके04टीए श्रृंखला के नंबर पूरे होने के बाद यूके04टीए श्रृंखला के नंबर शुरू हो रहे थे। पुलिस-प्रशासन यदा-कदा इन वाहनों पर उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करता है, किंतु अब कमोबेश पहली बार उत्तराखंड उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
15 को होनी है दो याचिकाओं पर सुनवाई
नैनीताल नगर में वाहनों की संख्या पर नियंत्रण और ग्रीष्मकालीन पर्यटन सत्र में बेहतर यातायात व्यवस्था को लेकर उच्च न्यायालय में आगामी 15 अप्रैल को श्रुति जोशी और अजय रावत की दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई होनी तय है। न्यायालय ने इस दौरान कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल को नैनीताल में पर्यटकों के दबाव और वाहनों की अनियंत्रित संख्या की स्थितियों में यातायात नियंत्रण के लिये तैयार की गयी कार्ययोजना के साथ न्यायालय की सहायता करने के निर्देश दिये हैं। न्यायालय ने कहा है कि गर्मी की छुट्टियों में बढ़ने वाले दबाव को देखते हुए समुचित पूर्व योजना जरूरी है ताकि शहर में अव्यवस्था न फैले। इस सिलसिले में नगर पालिका परिषद नैनीताल को पार्किंग शुल्क और लेकब्रिज चुंगी शुल्क से संबंधित अद्यतन जानकारी न्यायालय को देने को भी कहा गया है। उल्लेखनीय है कि नगर पालिका ने हाल में बाहर से आने वाले वाहनों हेतु पार्किंग शुल्क 500 रुपये और नगर में प्रवेश का शुल्क यूपीआई के लिये 300 व नगद भुगान के लिये 500 रुपये तय किया है। इसकी जानकारी भी न्यायालय में प्रस्तुत की जानी है। उच्च न्यायालय ने यातायात नियंत्रण और नगर की व्यवस्था को लेकर आम जनता और अधिवक्ताओं से भी शपथ पत्र के साथ सुझाव आमंत्रित किये हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
