
रायपुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ में आयकर अन्वेषण विंग की टीम ने राइस मिलर्स, कमीशन एजेंट्स-ब्रोकर्स के ठिकानों पर करोड़ाें की टैक्स (कर) चोरी का खुलासा
हुआ है। आयकर अन्वेशषण विंग के छापे में मिले करीब 7 से 8 करोड़ रुपये को सीज कर दिया गया है। राजधानी सहित राजिम, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग और तिल्दा के सभी ठिकानों पर आयकर की जांच जारी है। आयकर विभाग के अन्वेषण विंग की टीम राइस मिलिंग, ऑटोमोबाइल ग्रुप सत्यम बालाजी के ठिकानों पर तीसरे दिन भी जांच कर रही है। आयकर टीम ने कहा कि यह बासमती चावल का प्रमुख निर्यातक है। मुख्य फर्म सत्यम बालाजी समूह की छत्रछाया में साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े फर्मों में सैकड़ों करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा होने की जानकारी दी है। अभी इसकी विधिवत पुष्टि नहीं की गई है।
गोंदिया (महाराष्ट्र) और काकीनाड़ा (आंध्र प्रदेश) में भी आयकर अफसर जांच में जुटे हैं। आयकर अन्वेषण विंग छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के दो राइस मिलर्स, राइस एक्सपोर्टर्स कारोबारी समूह के साथ ही अनाज व्यवसाय से जुड़े कमीशन एजेंट्स, राइस ब्रोकर्स के 25 ठिकानों पर जांच जारी है। सभी ठिकानों से मिले अहम दस्तावेज से कच्चे में कारोबार और कैश में व्यवसाय किए जाने के ढेरों दस्तावेज मिले हैं। बुधवार सुबह शुरू की गई राइस मिल परिसर, आवासीय ठिकानों और कार्यालयों में मिले करीब 7 से 8 करोड़ रुपये कैश को सीज कर लिया गया है। बताया गया है कि कर (टैक्स) चोरी के लिए झूठी कंपनी बनाकर उसके माध्यम से काल्पनिक लेनदेन का एक नेटवर्क बना कर लेनदेन कच्चे में नकद रूप से किया जाता रहा है। अधिकारियों का दावा है कि यह मध्य भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर चोरी के मामलों में से एक है।
बताया जाता है कि कुछ वर्ष पूर्व भी इस ग्रुप में छापा पड़ा था। इसके बावजूद इस ग्रुप द्वारा कई छद्म कंपनी, फर्म और कमीशन एजेंट के जरिए कच्चे में लेन-देन किया जाता रहा। सत्यम बालाजी ग्रुप के निदेशकों ने दुबई, दक्षिण अफ्रीका तक चावल का निर्यात किया है। जानकारी मिलने पर इसकी निगरानी की जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि इसमें आयकर अन्वेषण की वित्तीय खुफिया इकाई(एफआईक्यू) ने यह काम किया है।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को रायपुर, दुर्ग ,भिलाई ,राजनंदगांव और नवापारा राजिम सहित गोंदिया और आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में 25 से अधिक कार्यालय और निवास स्थानों में दविश दी है। अधिकारियों ने 8 करोड़ रुपये नकद जप्त किया है और करोड़ों के आभूषण मिले हैं। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि सत्यम बालाजी और साईं हनुमंत इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनी ने नकली चालान के साथ करोड़ों का लेनदेन किया गया। समूह का अंतरराष्ट्रीय व्यापार कई देशों में फैला हुआ है।
सत्यम बालाजी और साईं हनुमंत इंडस्ट्री से जुड़ी गोंदिया की कंपनी ने नकली चालान के साथ करोड़ों का लेनदेन किया। जांच कर्ताओं को दोनों समूहों से जुड़े 15 बैंक लाकर्स मिले हैं हैं, जिसमें से केवल अभी एक ही को खोला जा चुका है। सभी ठिकानों और संचालकों से लैपटॉप स्मार्टफोन ,आईफोन ,पोर्टेबल हार्ड ड्राइव और एंड डिजिटल स्टोरेज डिवाइस जप्त किए गए हैं। सूरत ,मुंबई, भोपाल और कोलकाता के साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ इन डिजिटल साक्ष्य को डीकोड करने में मदद कर रहे हैं। पूरी कार्रवाई
अतिरिक्त निदेशक तरुण कनौजिया की निगरानी में उपनिदेशक नवल जैन की टीम कर रही है। यह पड़ताल अभी एक-दो दिन और जारी रहने की बात कही गई है।
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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा
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