कठुआ 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने के लिए कठुआ को सीएसआर पहल के माध्यम से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपकरण प्राप्त हुए हैं। टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट ने एडाप्टर के साथ दो ट्रू नाट मशीनें और 1330 बीपी उपकरण दान की हैं।
ये अत्याधुनिक नैदानिक उपकरण जिले में उच्च रक्तचाप और तपेदिक का शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन में सहायक होंगे। इसके अलावा अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के हिस्से के रूप में एपीएआर इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करने के लिए दो एम्बुलेंस प्रदान की हैं। ये योगदान जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पास समुदाय को प्रभावी देखभाल प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधन हों। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव कुमार, टाटा पावर में कॉर्पोरेट मामलों के समूह प्रमुख सुधाकर यादव, टाटा पावर में कॉर्पोरेट मामलों के प्रबंधक अनिल साहनी, टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट के सदस्य फोरम नागोरी, टाटा पावर रिन्यूएबल्स के सीएसआर कार्यकारी सुधांशु, उपायुक्त कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास, एडीसी कठुआ रणजीत सिंह, प्रिंसिपल जीएमसी और एएच कठुआ डॉ. सुरिंदर अत्री, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कठुआ डॉ. विजय रैना, जिला क्षय रोग अधिकारी कठुआ डॉ राधा कृष्णन, जिला कठुआ के सभी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी और अन्य जिला अधिकारी और कर्मचारी सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हैंडओवर समारोह के दौरान डीसी कठुआ ने जिले की स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों पर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने खुलासा किया कि कठुआ में लगभग 30 प्रतिशत आबादी उच्च रक्तचाप से प्रभावित है, जबकि कई लोग अपनी स्थिति से अनजान हैं। डॉ. मिन्हास ने इस बात पर जोर दिया कि शीघ्र निदान, जीवनशैली में बदलाव और दवा के साथ, उच्च रक्तचाप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है और इससे जुड़े जोखिमों को कम किया जा सकता है। प्रदान किए गए चिकित्सा उपकरणों का उपयोग घर-घर सर्वेक्षण करने के लिए किया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिले भर में उच्च रक्तचाप के मामलों का निदान और निगरानी कर सकेंगे। इससे जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें समय पर देखभाल मिले। इसी प्रकार उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के अलावा, दान की गई ट्रू नाट मशीनें तपेदिक (टीबी) के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जो जिले में एक और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता है। इन उन्नत नैदानिक उपकरणों के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता टीबी के मामलों का पहले ही पता लगाने में सक्षम होंगे, जिससे शीघ्र उपचार संभव हो सकेगा और बीमारी के प्रसार को कम किया जा सकेगा। एम्बुलेंसों को रणनीतिक रूप से तत्काल चिकित्सा देखभाल तक पहुंच बढ़ाने के लिए तैनात किया जाएगा, विशेष रूप से दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों में। इन योगदानों से जिले की उच्च रक्तचाप, तपेदिक और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने की क्षमता पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया