-76वें गणतंत्र पर्व के राज्य स्तरीय समारोह का मेजबान है इस बार तापी जिला
-राज्यपाल और मुख्यमंत्री के करकमलों द्वारा तापी की 13 विभिन्न प्रतिभाओं का सम्मान
व्यारा, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 76वें गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह के मेजबान तापी जिले को राज्यपाल आचार्य देवव्रत की उपस्थिति में एक ही दिन में 240 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर व्यारा में 20 विकास कार्यों का लोकार्पण और 41 कार्यों का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने तापी जिले को विभिन्न क्षेत्रों में गौरवान्वित करने वाले 13 व्यक्ति विशेषों का सम्मान भी किया। तापी जिले के विकास को और अधिक गति देने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर और जिला विकास अधिकारी को 2.5-2.5 करोड़ रुपए के चेक सौंपे।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सभी लोगों को गणतंत्र पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे राष्ट्रीय पर्व और सांस्कृतिक कार्यक्रम देश की एकता को उजागर करने के श्रेष्ठ माध्यम हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रत्येक नागरिक अपने संवैधानिक अधिकारों के माध्यम से लोकतंत्र की मुक्त हवा में सांस ले रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आजादी की जंग में हजारों वीरों ने बलिदान दिया है, तब जाकर हमें यह अनमोल आजादी मिली है। सूरत जिले से 17 वर्ष पहले अलग हुआ तापी जिला आज सभी के परिश्रम के परिणामस्वरूप नई पहचान बनाकर आगे बढ़ रहा है। वनों में रहने वाले आदिवासी लोग खेती और पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, ऐसे में उन्होंने जिले के किसानों से प्राकृतिक कृषि अपनाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी सेना के जरिए जनजातियों में अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होने की चेतना, साहस और शौर्य जगाया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की पहल शुरू की है। इस वर्ष बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती वर्ष का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को वंदन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर तापी जिले की परिचय पुस्तिका ‘तापी… प्रकृति, संस्कृति अने शक्ति नो संगम’ (तापी… प्रकृति, संस्कृति और शक्ति का संगम) का विमोचन किया। इस पुस्तिका में तापी जिले के प्राकृतिक सौंदर्य, प्रकृति प्रेमी आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत, जिले का स्वर्णिम इतिहास और जिले के सात रत्नों के रूप में सात तहसीलों की ज्ञानवर्धक जानकारी तथा जिले की भौगोलिक परिस्थिति का बहुत ही सुंदर परिचय दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय