
लखनऊ, 05 मार्च (Udaipur Kiran) । प्रदेश में लगातार दलितों के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न व अपराधों को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन सांसद तनुज पुनिया ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेस की।
तनुज पुनिया ने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ बर्बरता बढ़ती जा रही है। सच तो यह है कि योगी सरकार में दलित होना अपराध हो गया है। एनसीआरबी के हालिया आंकड़े जो दिसंबर 2023 में आए थे, उनके मुताबिक पूरे देश में दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गये। वर्ष 2022 में अनुसूचित जातियों के लिए कानून के तहत 51656 मामलों में से, यूपी में 12287 मामले दर्ज हुए थे।
चेयरमैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ जो जघन्य अपराध हो रहे हैं वे तो न सिर्फ बदस्तूर जारी हैं, बल्कि बढ़ते जा रहे हैं और दुर्भाग्य देखिए कि जो सामाजिक अपराध होने बंद हो चुके थे, वह इस सरकार में पुनः होने लगे हैं।
उन्होंने मेरठ की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कालिंदी गांव में एक मार्च 2025 को गांव की ठाकुर बिरादरी के दबंगों द्वारा दलित की बारात पर हमला किया गया। दूल्हे के भाई संदीप को पीटा गया, दूल्हे को अपमानित कर सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट और कैश लूट लिया गया। दबंग भाजपा की झंडा लगी हुई गाड़ी से आए थे, जो बरातियों में से कई लोगों को अपमानित और घायल कर गए। गांव में एक माह पहले भी प्रजापति परिवार की बारात के लोगों को भी दबंगों द्वारा पीटा गया था।
तनुज ने पत्रकार से कहा कि भाजपा के शासनकाल में एक तरफ जहां दलित अपनी राजी-रोटी के लिए परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण पर भी इस सरकार की कुदृष्टि है। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में जिस प्रकार आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हुआ और कोर्ट के दो-दो आदेशों के बावजूद सरकार द्वारा उनका पालन न करना दलित एवं आरक्षण विरोधी मंशा को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि दलितों के हितों का झूठा दावा करने वाली यह सरकार न तो उन्हें रोजगार दे पाई, न सुरक्षा दे पाई और न ही उनकी अस्मिता बचा पाई।
(Udaipur Kiran) / दीपक
