देश-विदेश के सुविख्यात कलाकार देंगे सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि
ग्वालियर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के ग्वालियर की फिजा अगले पांच दिनों तक सुर, ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 से 19 दिसंबर तक आयोजित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में तानसेन समाधि के समीप ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर रविवार (15 दिसम्बर) को शाम लगभग 6 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। इसी मंच पर बैठकर देश-दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे। समारोह में मंत्रीगण तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाह, सांसद भारत सिंह कुशवाह, विधायकगण डॉ. सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर, सुरेश राजे व मोहन सिंह राठौर एवं महापौर डॉ. शोभा सिकरवार को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है।
जनसम्पर्क अधिकारी हितेंद्र सिंह भदौरिया ने शनिवार को बताया कि शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह में इस बार अलग ही रंग भरे गए हैं। राज्य के संस्कृति विभाग की उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी व मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा जिला प्रशासन व नगर निगम के सहयोग से हर साल तानसेन संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है।
शताब्दी वर्ष के तानसेन समारोह का आगाज 15 दिसंबर को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा रविवार सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभाएं समानांतर रूप से सजेंगी। यह सभाएं तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानी 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
अलंकरण समारोह का आयोजन 18 दिसंबर को सायंकाल 6 बजे तानसेन समाधि परिसर में मुख्य समारोह के भव्य मंच पर आयोजित होगा। देश के ख्यातिनाम तबला वादक पं. स्वपन चौधरी कोलकाता को वर्ष 2023 के तानसेन सम्मान से विभूषित किया जाएगा। इसी तरह वर्ष 2023 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से सानंद न्यास इंदौर को अलंकृत किया जाएगा।
संगीत सभाएं एवं कलाकारसायंकालीन सभा 15 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः सभा का शुभारंभ पारंपरिक रूप से सायंकाल 7 बजे शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में भारती प्रताप बेंगलुरु का गायन होगा। इस सभा में विश्व संगीत के तहत यूजी नाकागावा एवं शिगेरू मोरियामा जापान की प्रस्तुति होगी। इसी क्रम में पं. राहुल शर्मा मुम्बई का संतूर वादन एवं इसके बाद दिल्ली से पधार रहीं और ग्वालियर की मूलनिवासी शास्त्रीय संगीत की ख्यातिनाम गायिका मीता पण्डित का गायन होगा।
प्रात:कालीन सभा 16 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः इस सभा का शुभारंभ प्रात: 10 बजे सारदा नाद मंदिर ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इसके बाद हेमांग कोल्हटकर ग्वालियर का गायन, दिल्ली के भास्कर नाथ एवं साथियों द्वारा शहनाई वादन किया जायेगा। इसी क्रम में प्रयागराज के पं. प्रेमकुमार मलिक का ध्रुपद गायन होगा।
सायंकालीन सभा 16 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः इस सभा का आरंभ सायंकाल 6 बजे राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में विश्व संगीत के तहत तावोर बेन दोर एवं तामार क्लोपर इजराइल की प्रस्तुति होगी। इसके बाद विवेक नवरे खैरागढ़ का सरोद वादन, वाराणसी के पं. रित्विक सान्याल के ध्रुपद गायन, पं. संतोष नाहर नई दिल्ली का वायोलिन वादन व पं. अजय चक्रवर्ती कोलकाता का गायन होगा।
प्रात:कालीन सभा 17 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः सभा का आरंभ प्रात: 10 बजे तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इसके बाद भोपाल के महेश मलिक एवं अमित मलिक की वायोलिन जुगलबंदी, वाराणसी के पं. कमला शंकर का गिटार वादन, भव्या सारस्वत रतलाम का ध्रुपद गायन एवं जयपुर के अश्विन दलवी का सुर बहार वादन होगा।
सायंकालीन सभा 17 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः इस सभा की शुरुआत शाम 6 बजे भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत फ्रांस के एटिने कैबरे व क्रिस्टोफ रोचर, निकोलस पॉइंटर्ड द्वारा रैप व संगीत बैंड की प्रस्तुत दी जाएगी। इसी क्रम में बेंगलुरु के सुविख्यात गायक नागराज राव हवलदार का गायन, रोनू मजूमदार मुम्बई का बांसुरी वादन और सभा के अंत में देश की ख्यातिनाम गायिका शुभा मुदगल दिल्ली का गायन होगा।
प्रात:कालीन सभा 18 दिसम्बर– तानसेन समाधि स्थलः इस सभा की शुरुआत प्रात:काल 10 बजे शंकर गंधर्व महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इस सभा में रोहन पंडित ग्वालियर का गायन एवं उस्ताद दानिश असलम खाँ दिल्ली की रबाब प्रस्तुति होगी।
प्रात:कालीन सभा 18 दिसम्बर– बटेश्वर मंदिर परिसरः सभा की शुरुआत प्रात: 10 बजे होगी। मुरैना जिले के बटेश्वर मंदिर परिसर में सजने जा रही इस संगीत सभा में मुरैना के मोहित खाँ का गायन, महालक्ष्मी शिनॉय उदयपुर का गायन, उस्ताद अमीर खाँ भोपाल का सरोद वादन एवं सभा के अंत में सुनंदा शर्मा दिल्ली का गायन होगा।
सायंकालीन सभा 18 दिसम्बर- तानसेन समाधि स्थलः इस सभा की शुरुआत सायंकाल 6 बजे साधना संगीत महाविद्यालय गवालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इस सभा में विश्व संगीत के तहत रेमो स्केनो इटली के सितार वादन की प्रस्तुति होगी। इसके बाद तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार पं. स्वपन चौधरी कोलकाता का तबला वादन एवं आरती अंकलीकर टिकेकर मुम्बई का गायन होगा।
प्रात:कालीन सभा 19 दिसम्बर– बेहटः इस सभा की शुरुआत प्रात: 10 बजे ध्रुपद केन्द्र बेहट के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद अनूप एवं वैशाली मोघे ग्वालियर द्वारा गायन, अदिति शर्मा दिल्ली का ध्रुपद गायन एवं दीपांशु शर्मा ग्वालियर द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति होगी।
सायंकालीन एवं अंतिम सभा 19 दिसम्बर– गूजरी महलः सभा की शुरुआत पारंपरिक रूप से सायंकाल 6 बजे ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद सुकन्या रामगोपाल एवं साथी बैंगलुरू का घटम् वृंद वादन एवं मृत्तिका मुखर्जी कोलकाता का ध्रुपद गायन होगा। सभा का समापन त्रोइली एवं मौईशली दत्ता कोलकाता की सरोद जुगलबंदी के साथ होगा।———–
(Udaipur Kiran) तोमर