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कठुआ 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । बीते 06 दिनों से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग खरोट मोड़ के सामने पलटे एक टैंकर को आज तक हटाने की ना तो यातायात पुलिस ने जहमत की है और ना ही कठुआ पुलिस ने इस पर कोई संज्ञान लिया है। जिसका खामियाजा आनजाने वाले यात्रियों को लंबे जाम में फंसकर भुगतना पड़ रहा है।
एक तरफ कठुआ पुलिस और जिला प्रशासन आम जनमानस की समस्याओं को हल करने के लिए थाना दिवस और ब्लॉक दिवस जैसे कई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं लेकिन खुद अपने ही जिम्मेवारी से पीछे हटते नजर आते हैं। जिसकी जीती-जागती तस्वीर खरोट मोड़ के सामने एक सप्ताह से सड़क के बीचो-बीच दुर्घटनाग्रस्त पड़ा टैंकर है। गौरतलब हो कि बीते दिनों जम्मू पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग खरोट मोड़ के सामने पीबी03बीबी-8369 नंबर का एक टैंकर राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचो-बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके बाद मौके पर पहुंची कठुआ पुलिस ने टैंकर में फंसे चालक का रेस्क्यू कर उपचार के लिए जीएमसी कठुआ पहुंचाया था। लेकिन हैरानगी की बात यह है कि पूरे 06 बीत जाने के बाद ना तो ट्रैफिक पुलिस ने इसे हटाने का कोई प्रयास किया और ना ही टैंकर मालिक ने इसे हटाने की कोशिश की और एक सप्ताह से टैंकर राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचो-बीच गिरा हुआ है। हालांकि हटली पुलिस ने इसे हटाने का प्रयास किया लेकिन नतीजा शुन्य। जिसकी वजह से पिछले एक सप्ताह से खरोट मोड के समीप लंबा जाम लग रहा है। हालांकि जाम को निकालने के लिए हटली पुलिस मौके पर पहुंच रही हैं लेकिन उसे हटाने का प्रयास कोई नहीं कर रहा। वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के कई आला अधिकारी रोजाना इसी रास्ते से गुजरते हैं लेकिन बीचों-बीच पड़े टैंकर को देखकर खाली अफसोस जाहिर करते हैं, लेकिन हटाने का प्रयास कोई नहीं कर रहा। जिला प्रशासन की इस सुस्त कार्यप्रणाली को लेकर लोगों ने कई सवाल खड़े किए हैं। रोजाना लंबा जाम लग रहा है, ठीक 200 मीटर के बाद जीएमसी कठुआ है जहां पर एंबुलेंस का आना-जाना रहता है, बाहरी राज्यों से यात्रियों का आना-जाना जारी है लेकिन संबंधित विभाग अपनी जिम्मेवारी से पिछे हट रहे हैं और किसर दूसरे हादसे का इंतजार कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के इस सुस्त रवैया के प्रति कड़ा रोष व्यक्त किया है और उन्होंने टैंकर मलिक के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की अपील की है जिसने एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अपना क्षतिग्रस्त टैंकर नहीं हटाया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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