Uttar Pradesh

वज्रपात से बचाव के लिए दामिनी, सचेत व आपदा प्रहरी ऐप की लें सहायता

वज्रपात

मेरठ, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वज्रपात से बचने के उपाय की गाइड लाइन जारी की है। इसके लिए लोगों को तकनीक का सहारा लेना चाहिए। दामिनी, सचेत एवं आपदा प्रहरी ऐप को मोबाइल में डाउनलोड करके वज्रपात की जानकारी ली जा सकती है।

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि प्रदेश के राहत आयुक्त ने वज्रपात से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए मौसम विभाग एवं दामिनी ऐप से प्राप्त पूर्व चेतावनी को लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए वज्रपात पूर्व चेतावनी तंत्र मानक संचालन प्रक्रिया का व्यापक अनुपालन कराने एवं इसके अतिरिक्त अन्य महत्वूपर्ण बिन्दुओं पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी के अनुसार, सचेत, दामिनीएवं आपदा प्रहरी ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं।

वज्रपात के दौरान क्या करें क्या न करें

यदि आप खुले में हो तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें। खिड़कियां, दरवाजे, बरामदें एवं छत से दूर रहें। ऐसी वस्तुएं जो बिजली की सुचालक हैं, उनसें दूर रहें। बिजली के उपकरणों या तार के साथ संपर्क से बचें व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें। तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाये रखें। समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अलग खड़े रहे। यदि आप जंगल में हों तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें। बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़ मशीन आदि से दूर रहें। धातु से बने कृषि यन्त्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।

आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीडित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। स्थानीय रेडियो अन्य संचार साधनों में मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें। यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो तो जहां है वहीं रहें। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजे जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनों पैरो को आपस में सटा ले एवं दोनों हाथों में कानों को बंद कर अपने सिर को जमीन की तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटाए। जमीन पर कदापि न लेटें।

उन्होंने बताया कि ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं ले। साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे भी कदापि शरण नहीं लें, क्योंकि ऊंचे वृक्ष, ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन व बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी और आकर्षित करते हैं। पैदल जा रहे हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं। वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा प्रारम्भ कर दें। संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह तय कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो। पीड़ित की नाड़ी एवं श्वांस चल रही हो।

(Udaipur Kiran) / डॉ.कुलदीप त्यागी

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