Uttar Pradesh

ठंड में बेजुबानों का रखें ध्यान नहीं तो बढ़ सकती है मुश्किलें:डॉ. शशिकांत

कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर और ग्रामीण किसान

कानपुर, 19 जनवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में शीत लहर के चलते आमजन के साथ-साथ बेजुबान भी परेशान है। जनवरी और फरवरी के मौसम में सर्दी अपने प्रचंड रूप में कहर बरपाती है इसलिए ठंड के मौसम में अगर पशुओं के खान-पान एवं प्रबंधन पर ध्यान न दिया जाए तो नवजातों की मृत्यु दर बढ़ जाती है। क्योंकि सर्दी के मौसम में अंदर एवं बाहर के तापमान में काफी अंतर होता है। ऐसे में फरवरी के मौसम तक पशुओं को अच्छी मात्रा में पौष्टिक आहार खिलाना चाहिए। यह बातें रविवार को सीएसए के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण समापन के दौरान कही।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) द्वारा संचालित दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत चयनित ग्राम खलकपुर में आयोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन हुआ। जिसके अंतर्गत किसानों को केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने बताया कि ठंड के मौसम में अन्य मौसम की अपेक्षा पशु की संपूर्ण आहार की आवश्यकता का बीस प्रतिशत अधिक दाना देना चाहिए। जनवरी के मौसम में काफी ठंड पड़ती है लेकिन फरवरी के महीने तक सावधान रहना पड़ता है। जिसमें सभी पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, जल, खनिज लवण एवं विटामिन उचित मात्रा में होना चाहिए। सभी पोषक तत्व हरे चारे जैसे- जाड़े में बरसीम, लूसर्न, जई में पाए जाते हैं। प्रोटीन एवं वसा की पूर्ति के लिए लगभग सभी प्रकार की खलिया व अनाज के दाने को पशु आहार में प्रयोग करना चाहिए। विटामिन तो हरे चारे से मिल जाती है लेकिन खनिज के लिए खड़िया गेहूं का चोकर या बाजार का प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों में नवजात बच्चों को बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर इसमें लापरवाही बढ़ती गई तो डायरिया एवं निमोनिया का संक्रमण नवजात में बहुत तेजी से फैलता है। जिससे बच्चों की मृत्यु संभावित है। ऐसी स्थिति में बच्चों के सुबह-शाम बोरी से ढक कर रखना चाहिए।

डॉ. निमिषा अवस्थी ने कृषक महिलाओं को बताया कि इस समय पर्याप्त मात्रा में बथुआ मौजूद है। जिनका सेवन करने से महिलाओं में रक्त अल्पता की कमी को दूर किया जा सकता है। किसान अपने पशुओं को स्वच्छ एवं ताजा पानी भरपूर मात्रा में पिलाएं जिससे पशुओं में पानी की कमी न होने पाए। इस मौके पर गांव के प्रधान देवी प्रसाद सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap

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