ऋषिकेश, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी
लगाकर पुण्य कमाया और और मोक्ष की कामना की। स्नान के दाैरान किसी भी अनहाेनी से बचने के लिए प्रशासन ने
समुचित इंतजाम किए हैं।
हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है और इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है।शुक्रवार काे ऋषिकेश में गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु तमाम गंगा घाटों पर स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर भगवान से परिवार में सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे होते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा में देव दीपावली के दिन देवता भी मानव के रूप में आकर गंगा स्नान करते हैं। माना जाता है कि कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान और दीपदान करता है, वह देवताओं के समान हो जाता है। व्यक्ति के यश व समृद्धि में वृद्धि होती है। यह माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और तुलसी पत्र, चांदी पात्र दान करने मात्र से ही असीम पुण्य का लाभ मिल जाता है। आज के ही दिन भगवान कार्तिकेय ने राक्षसों को हराने के बाद अपनी विजय पताका फहराया था। कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर दीपदान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और जो व्यक्ति स्नान के बाद दीपदान करता है। उसे अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है और जीवन में चंद्रमा आधारित किसी भी प्रकार का कष्ट चल रहा हो उनसे भी मुक्ति प्राप्त मिलती है। ऋषिकेश में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
(Udaipur Kiran) / विक्रम सिंह