औरैया, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । गम और रंज के पर्व मोहर्रम पर मुस्लिम बस्तियों में रखे गए ताजिये मंगलवार और बुधवार रात को मातमी जुलूस के साथ निकाले गए। मिलाप स्थल पर लगे मेले में ताजियों का जुलूस इकट्ठा हुआ जहां जायरीनों ने ताजियों की जियारत कर मन्नत मांगी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया। गुरुवार तड़के ताजियों को करबला ले जाकर सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
जनपद में मोहर्रम का त्योहार गमगीन माहौल में बहुत ही सादगी व अकीदत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। मंगलवार रात बारह बजे से ताजिये उठना शुरू हुए। सबसे पहले मोहल्ला केसरवानी निवासी सफी खां के ताजिया का जुलूस उठा और मोहल्ला जुबैरी होकर मोतीपुर पहुंचा जहां सद्दाम के ताजिया से मिलाप हुआ। उसके बाद ताजियों का जुलूस मोहल्ला भराव पहुंचा जहां अबरार अंसारी, जान मोहम्मद के ताजियों से मिलाप होकर जुलूस आगे बढ़ा जो बरकी टोला, सब्जी मंडी, बकर मंडी, तिवारियांन और मुख्य बाजार होता हुआ तिराह चमनगंज पर पहुंचा जहां अब्दुल रशीद का ताजिया जुलूस में शामिल होने के बाद जुलूस मोहल्ला मेवातियांन पहुंचा। यहां इजहार अहमद के ताजिया से मिलाप होने के बाद जुलूस का ठहराव हुआ। जुलूस में शामिल हजारों अकीदतमंद और जायरीन के या हुसैन या अली के नारों से सदायें गूंज रही थीं।
ताजियों में शामिल बैंड मातमी धुन बजाते हुए चल रहे थे। लोगों ने ताजियों की जियारत कर मन्नतें मानी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया। कस्बे में ताजियों के जुलूस के रास्तों पर मुस्लिम युवाओं की टोलियों ने जगह-जगह स्टाल लगा रखे थे। पानी, शरबत और चाय वितरित की जा रही थी। ताजियों के जुलूस में बीस से अधिक जगहों पर जमकर लुट्टस लुटाई गई। बुधवार शाम दोबारा सभी ताजियों का जुलूस मातमी धुनों और नक्कारे की धुनों के बीच तय रास्तों से गुजरता हुआ तिराह चमनगंज पर पहुंचा। यहां सभी ताजिया इकट्ठा हुए। इसके बाद जुलूस दिबियापुर रोड होता हुआ मेवातियांन पहुंचा और वहां लगे मेले में सभी ताजियों का ठहराव किया गया। मेले में कस्बे और गांव क्षेत्र के हजारों लोगों ने पहुंचकर ताजियों की जियारत की मन्नत मानी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया। देर रात तक मेले में रौनक बनी रही और भोर गमगीन माहौल में ताजियों को कर्बला ले जाकर सुपुर्दे खाक किया गया।
(Udaipur Kiran) कुमार / दिलीप शुक्ला