दमिश्क, 31 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिमी देशों द्वारा सीरिया पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों में हालिया ढील के बाद सीरिया और सऊदी अरब ने आपसी आर्थिक सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि दोनों देशों को पारस्परिक लाभ मिल सके और युद्धग्रस्त सीरिया में नौकरियों के नए अवसर सृजित किए जा सकें।
यह घोषणा सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान की दमिश्क यात्रा के दौरान की गई, जहां उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शराआ और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
प्रिंस फैसल ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन द्वारा इस महीने की शुरुआत में लगाए गए प्रतिबंधों में ढील से सीरिया की ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से गति मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि सऊदी व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही सीरिया का दौरा करेगा और तेल, बुनियादी ढांचा, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि सऊदी अरब और कतर मिलकर सीरिया के सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे> हालांकि इस संबंध में उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी।
प्रिंस फैसल ने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सीरिया के पुनर्निर्माण और आर्थिक पुनरुत्थान की यात्रा में सऊदी अरब अग्रणी भूमिका निभाएगा।”
सीरियाई विदेश मंत्री असद अल-शिबानी ने भी इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर यह साझेदारी सीरिया के विकास की नींव रखेगी।
इस ऐतिहासिक बैठक से दो दिन पहले, सीरिया ने कतर, तुर्की और अमेरिकी कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत 5000 मेगावाट की ऊर्जा परियोजना विकसित की जाएगी। इसका उद्देश्य युद्ध से क्षतिग्रस्त विद्युत ढांचे को फिर से दुरुस्त करना है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
