जोधपुर, 18 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्वर्णप्राशन कार्यक्रम बुधवार को शहर के एक दर्जन केन्द्रों पर आयोजित हुआ। इसका उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक बनाना था।
मीडिया प्रभारी प्रो. दिनेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि पुष्य नक्षत्र योग में एम्स जोधपुर की आयुष ओपीडी में, जालोरी गेट के निकट शनिश्चर थान, सम्राट अशोक उद्यान के सामने भवानी आदर्श विद्या मंदिर, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित लवकुश गृह-नवजीवन संस्थान, बाल बसेरा सेवा संस्थान, मगरा पूंजला स्थित राजकीय किशोर बालगृह, विश्वविद्यालय आयुर्वेद चिकित्सालय, करवड़, गोद-ग्राम घड़ाव के राजकीय विद्यालय विक्टोरियन किड्स स्कूल एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड में आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि स्वर्ण प्राशन की अगली खुराक आगामी पुष्य नक्षत्र 14 जनवरी को उक्त 12 स्थानों पर बच्चों को पिलाई जाएगी।
इसी तरह खांडाफलसा स्थित जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में भी पुष्य नक्षत्र के अवसर पर स्वर्णप्राशन संस्कार का आयोजन किया गया। जिला चिकित्सालय के प्रभारी प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ राजकुमार ने बताया कि स्वर्णप्राशन एक विशेष आयुर्वेदिक प्रक्रिया है, जिसमें शुद्ध स्वर्ण भस्म के साथ गाय का घी, शहद तथा अन्य औषधियों का संयोजन किया जाता है। यह बच्चों की याददाश्त, बोलने-सुनने की शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ पाचन व श्वसन तंत्र को मजबूत करता है। आंचल प्रसूता केन्द्र प्रभारी डॉ अरुणा चौहान ने बताया कि स्वर्णप्राशन संस्कार पुष्य नक्षत्र पर विशेष लाभप्रद माना जाता है।
(Udaipur Kiran) / सतीश