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स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया : चंपत राय

युवा धर्म संसद का उद्घाटन

हरिद्वार, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय और योगगुरु स्वामी रामदेव ने शुक्रवार को पतंजलि योगपीठ में दो दिवसीय युवा धर्म संसद का शुभारंभ किया। युवा धर्म संसद के पहले दिन वक्ताओं ने युवाओं काआह्वान किया कि वह राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें।

शिकागो धर्म सम्मेलन में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक उद्बोधन को लक्ष्य कर सेवाज्ञ संस्थानम् की ओर से आयोजित युवा धर्म संसद में देश के 24 राज्यों के युवा भाग ले रहे हैं।

उद्घाटन सत्र में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री तथा विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि उस वक्त स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया था। उन्होंने सहष्णुता को लेकर स्वामी विवेकानंद द्वारा की गई व्याख्या की चर्चा की और कहा कि सभी को स्वामी विवेकानंद की शक्ति प्राप्त है, बस उसे पहचानने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वो राष्ट्रहित के लिए सदैव अग्रणी भूमिका में बने रहे।

मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश का युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म को विश्व में पहचान मिल रही है। सनातन संस्कृति की योग विद्या को पूरी दुनिया अपना रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को हमें मिलकर कामयाब करना है। आने वाले 25 साल की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वह हमारी युवा शक्ति ही है। युवा शक्ति को संगठित होकर राष्ट्र के लिए समर्पित होना होगा। युवा देश की तरक्की और उन्नति के लिए सही दिशा में काम करे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत फिर से विश्वगुरू बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नींव को मजबूत करने के लिए यह युवा धर्म संसद मील का पत्थर साबित होगी। उत्तराखंड सरकार युवाओं को प्रोत्साहन देकर स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह जिस क्षेत्र में भी जाए, राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखें। अपने संकल्प में कोई विकल्प न रखें। हमें रोजगार देने वाले युवा बनना है और इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा।

युवा धर्म संसद की अध्यक्षता कर रहे योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि युवाओं को सदैव उत्साह से लबरेज रहना चाहिए। युवाओं को अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना चाहिए। युवाओं में शौर्य, वीरता और पराक्रम के साथ विनम्रता भी होनी चाहिए। स्वामी रामदेव ने सनातन धर्म के चारों वर्णों के बारे में बताते हुए कहा कि जब तक राम और कृष्ण के वंश के लोग जिंदा है तब तक विधर्मी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते। उन्होंने युवाओं से कहा कि वह अपने धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानकारी जरूर रखें। मुस्लिम समाज के 50 प्रतिशत लोगों को कुरान की जानकारी होती है, लेकिन हिन्दू समाज को हमारी गीता में कितने अध्याय है इसकी भी ठीक से जानकारी नहीं होती। गीता के प्रमुख श्लोक हमें कंठस्थ होने चाहिए। स्वामी रामदेव ने धामी सरकार की ओर से सनातन धर्म को लेकर उत्तराखंड में किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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