नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ अभियान ने आम जन के जीवन में गहरा एवं अनमोल प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की प्रतिष्ठा बढ़ने से देश में एक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी हुआ है। पहले साफ सफाई के काम से जुड़े लोगों को अलग नजर से देखा जाता था। स्वच्छ भारत अभियान से साफ सफाई करने वालों को मान-सम्मान मिला और उनको गर्व का एहसास हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 155वीं गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस 2024 कार्यक्रम में भाग लिया। स्वच्छता ही सेवा 2024 की थीम ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ है। इस दौरान उन्होंने 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई स्वच्छता और सफाई परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास किया। इसमें अमृत और अमृत 2.0, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और गोबरधन योजना के तहत परियोजनाएं शामिल हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक हजार साल बाद भी 21वीं सदी के भारत का जब अध्ययन होगा तो उसमें ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को जरूर याद किया जाएगा। यह सबसे बड़े सबसे सफल जन भागीदारी, जन नेतृत्व वाले जन आंदोलन के रूप में उभरा है।
एक अंतरराष्ट्रीय जनरल स्टडी का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन से हर वर्ष 60 से 70 हजार बच्चों का जीवन बच रहा है। यह शोध ‘इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी आफ केलिफोर्निया’ और ‘ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी’ के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है।
उन्होंने कहा कि लाखों लड़कियां अलग-अलग टॉयलेट न बनने के कारण समय से पहले स्कूल छोड़ देती थीं। अब इस स्थिति में बदलाव हुआ है। यूनिसेफ की एक और स्टडी के मुताबिक साफ-सफाई होने के कारण गांव के परिवारों के हर साल औसतन 50 हजार रुपये बच रहे हैं। पहले आए दिन बीमारियों के कारण पैसा इलाज पर खर्च होता था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पिछली कांग्रेस सरकारों पर स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद गांधी के पदचिह्नों पर चलने का दावा करने और उनके नाम पर सत्ता हासिल करने वालों ने ‘स्वच्छ भारत’ के उनके बुनियादी विचार को ही नजरअंदाज कर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों तक गांधीजी की विरासत का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करते रहे लेकिन स्वच्छता पर कभी जोर नहीं दिया। उन्होंने गंदगी को ही जिंदगी मान लिया लेकिन मोदी सरकार ने गांधीजी के इस विजन को अस्तित्व में लाने में कोई कौर-कसर नहीं छोड़ी। उनकी सर्वोत्तम प्राथमिकता देशवासियों के जीवन को सरल बनाना है।
‘स्वच्छ भारत’ पखवाड़े के पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन करोड़ों भारतवासियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आज देश भर में लोग स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। वह अपने गांव, शहरों, मोहल्लों, फ्लैट, सोसाइटी की सफाई कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 17 सितंबर को जन्मदिन से शुरू हुए दो सप्ताह के स्वच्छता कार्यक्रम में देशभर में सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर जन भागीदार के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाए गए। इसकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा पखवाड़ा के 15 दिनों में 23 भर में 27 लाख से ज्यादा कार्यक्रम हुए, जिसमें 28 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि निरंतर प्रयास करके ही हम भारत को स्वच्छ बना सकते हैं। वह प्रत्येक भारतीय को इसके लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। विकसित भारत की यात्रा से हमारा हर प्रयास स्वच्छता से संपन्नता के मंत्र को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि गंदगी के प्रति नफरत ही हमें स्वच्छता के लिए मजबूत कर सकती है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आज स्वच्छता से जुड़े करीब 10 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। मिशन अमृत के तहत देश के अनेक शहरों में वाटर और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। नमामि गंगे से जुड़ा काम हो रहा है या फिर कचरे से बायोगैस करने वाले गोवर्धन प्लांट बन रहा है। यह काम स्वच्छ भारत मिशन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा