रांची, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। ईडी और बचाव पक्ष दोनों की ओर से बहस पूरी हो गयी है। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक आतिश कुमार ने बहस की। पूजा सिंघल की ओर से अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने बहस की।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने पांच मई, 2022 को पूजा सिंघल सहित अन्य के 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीए सुमन सिंह के आवास और कार्यालय से 19.31 करोड़ नकदी बरामद किया गया था। छापेमारी के बाद ईडी ने पूजा सिंघल और सीए सुमन सिंह को गिरफ्तार किया था। दोनो से हुई पूछताछ में ईडी को बेहिसाब पैसे और अन्य जगहों पर इन्वेस्टमेंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी।
मामले में ईडी की ओर से पूजा सिंघल सहित सात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इनमें पूजा सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र में बताया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे। ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों और दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ। उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थी।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे