जम्मू 06 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने सभी हितधारकों के साथ बैठक की जिसमें श्रम एवं रोजगार तथा नियोजन विभागों द्वारा संयुक्त रूप से लगभग 1.37 लाख युवाओं की पहचान कर उन्हें सफल उद्यमी बनाने के लिए किए गए उपायों का आकलन किया गया।
बैठक में सचिव श्रम एवं रोजगार विभाग तथा सचिव पीडी एवं एमडी के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त सचिव उच्च शिक्षा, महानिदेशक ईएंडएस, महानिदेशक बजट, एमडी एचएडीपी, एमडी जेकेआरएलएम और आईआईएम, नाबार्ड, जेके बैंक, बीआईएसएजी-एन के प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए जबकि उपायुक्तों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लिया।
इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव को ऑनलाइन एप्लीकेशन का प्रदर्शन दिया गया जिसके माध्यम से योजना विभाग द्वारा नामित लगभग 20,000 जांचकर्ताओं द्वारा पूरे यूटी में इस सर्वेक्षण को अंजाम दिया जाएगा। अटल डुल्लू ने इस सर्वेक्षण के बारे में बैठक में बोलते हुए कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं की पहचान करना है, जो मिशन युवा यानी युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता के साथ विभिन्न उद्यमिता गतिविधियों के माध्यम से स्वरोजगार की ओर प्रवृत्त हैं। उन्होंने कहा कि यह डेटा प्रशासन को कई अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन और भविष्य की नीतियों के निर्माण में मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने संबंधित उपायुक्तों को इस अभ्यास की निरंतर निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करने पर जोर दिया। जांचकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के अलावा लोगों की जागरूकता के लिए सामाजिक और मुख्यधारा के मीडिया में निरंतर सूचनात्मक अभियान चलाने की सलाह दी।
अपने प्रस्तुतीकरण में सचिव, श्रम एवं रोजगार, कुमार राजीव रंजन ने बैठक को बताया कि इस गतिविधि के दो प्रमुख घटक हैं मौजूदा उद्यमों का सर्वेक्षण करना उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार करना और हमारी आबादी से संभावित उद्यमियों की पहचान करना। उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए विभाग के लिए बीआईएसएजी-एन द्वारा एक ऑनलाइन ऐप विकसित किया गया है जो तैयार प्रश्नावली के आधार पर प्रश्नों का एक सेट पूछकर वास्तविक समय के आधार पर डेटा एकत्र करेगा। यह बताया गया कि इसका उद्देश्य 18-49 वर्ष की आयु के लोगों को कम से कम 1.37 लाख नए उद्यम शुरू करने में मदद करने के लिए उद्यमशीलता संस्कृति और वांछनीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है जिससे अगले 5 वर्षों में यहां लगभग 4.25 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 2 सप्ताह के लिए एक सारणीबद्ध योजना और कार्य प्रवाह बनाया जाएगा जिसके बाद दो सप्ताह के लिए फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा जो यहां श्रम और नियोजन विभागों के कर्मचारियों की देखरेख में यूटी के शहरों और गांवों में गणना अभ्यास करेंगे।
इसके अलावा यहां मिशन युवा के कार्यान्वयन के लिए युवा कौशल और उद्यमिता ऐप विकसित किया गया है। ऐप 1000 प्रेरकों, 80 बिजनेस हेल्प डेस्क, इनक्यूबेशन सेंटर और आईआईएम जम्मू में इनोवेशन हब को शामिल करके यहां पारिस्थितिकी तंत्र की बहुत जरूरी संस्कृति विकसित करने के लिए काफी समावेशी है।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी