
धमतरी, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रुद्री के जल विहार कालोनी में आयाेजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतिम दिन 14 दिसंबर को कथावाचक पंडित आलोक किशोर तिवारी धमतरी ने कहा कि भगवान को वो चीज समर्पित करें जो हमें प्रिय है। जिसके भाग्य में है वहीं कथा में पहुंचते है। सुदामा भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र थे। कई दिनों तक बिना खाए पिए सुदामा, श्री कृष्ण का नाम जपते रहे। कर्म करते रहे फल की चिंता ना करें ।
उन्हाेंने आगे कहा कि समय का चक्र अमीर को गरीब और गरीब को अमीर बना देता है। अंतिम समय में जिसकी मति जिसमें रहती है। वैसी ही उसकी गति होती है। माटी का शरीर एक ना एक दिन माटी में मिल जाएगा इसलिए किसी से ईर्ष्या द्वेष न रखें। सभी से प्रेम व्यवहार रखें। माटी का शरीर एक ना एक दिन माटी में मिल जाएगा। धर्म को समझना बहुत कठिन है। अंतरंग मन से धर्म होना चाहिए। सूक्ष्म और स्थूल दो धर्म होते है। मनुष्य के पास धर्म है। इसे ठीक से समझकर धर्म का पालन करें। तभी धीरे-धीरे कल्याण की ओर बढ़ेंगे। कथा के अंतिम दिन महाभारत के विभिन्न प्रसंगों, गीता उपदेश की कथा सुनाई। कथा के समापन अवसर पर हवन पूजन के साथ पूर्णाहूति दी गई। यह आयाेजन रजक परिवार द्वारा स्वर्गीय मुकुंदी लाल रजक, स्वर्गीय चिरोंजी बाई रजक एवं स्वर्गीय गोकुल रजक की स्मृति में श्रीमद भागवत कथा भगीरथ रजक, आशा रजक के द्वारा आयोजित किया गया। श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रोता शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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