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प्रधानमंत्री के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को चरितार्थ कर रहा सूरजकुंड शिल्प मेला : गजेन्द्र सिंह शेखावत

38वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन करते केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत। साथ है मुख्यमंत्री नायब सैनी व पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने किया 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का शुभारंभ

फरीदाबाद, 7 फरवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का विधिवत रुप से उद्घाटन किया। उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज दो बड़े ऐतिहासिक आयोजनों के माध्यम से भारत देश विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। एक ओर जहां, पिछले हजारों साल से भारत को एकता के स्वरूप सांस्कृतिक विरासत का अध्याय लिखने वाले व भारत को सामाजिक समरसता और एकता के सूत्र में बांधने वाले महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर भारत की सांझी कलात्मक विरासत का प्रदर्शन करने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का आज शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड का यह मेला केवल क्राफ्ट को ट्रेड करने या दिखाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह शिल्पकारों और दस्तकारों की पुरातन परंपरा को दर्शाने का महान मंच है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत का जो स्वपन हम देख रहे हैं, यह मेला उस संदेश को चरितार्थ करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज से 10-15 साल पहले भारत की पहचान पूरे विश्वभर में एक गरीब देश, पिछड़े व देश के रूप में थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 10 सालों में जो प्रगति की है, उससे एक नए सूर्य का उदय हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जिस तरह योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है, उससे 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं। आज भारत की पहचान विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में बनी है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज के युग में दुनिया के विभिन्न देशों द्वारा कल्चरल क्रिएटिव इकॉनमी को अर्थव्यवस्था में ऑरेंज इकॉनमी के नाम से औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान की है। यह भारत के शिल्पकारों, दस्तकारों व हुनरमंदों के लिए सौभाग्यपूर्ण अवसर है। इस समय में भारत के हस्तशिल्प को भी एक नया बाजार मिले, इसकी संभावनाओं का द्वार खुल गया है। सुरजकुंड का यह मेला इस दिशा में एक बड़े मंच के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटन के साथ-साथ जिस तरह देशी पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, उससे पर्यटन के क्षेत्र में भारत को नई ऊँचाईयां देखने को मिली है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास होने से हरियाणा को बहुत बड़ा लाभ है और यहां माइस (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन्स) टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, जिनका दोहन हरियाणा को करना चाहिए। हरियाणा माइस टूरिज्म बहुत बड़ा सेंटर बन सकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से सूरजकुंड के इस मेले के स्वरूप को और बढ़ाया जा सकता है। इसलिए डिजिटल मार्केटिंग के लिए नई पहल करने की आवश्यकता है। यूट्यूबर, फोटोग्राफर्स को इस मेले में आमंत्रित किया जाए, जो स्वयं इस मेले का आकर्षण देखें और उसे देश-दुनिया तक पहुंचाएं। इससे कलाकारों, दस्तकारों, हुनरमंदों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं और उनकी आजीविका को बढ़ाया जा सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, विपुल गोयल, कृष्ण कुमार बेदी, राजेश नागर और गौरव गौतम की गरिमामयी उपस्थिति रही।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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