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हाथरस सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में सूरज पाल का बयान दर्ज

पुलिसकर्मियों की निगरानी में आयोग जाते बाबा साकार हरि (फोटो)

लखनऊ, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में गांव फुलरई मुगलगढ़ी में इसी साल 02 जुलाई को आयोजित सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसी मामले में आज सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा लखनऊ के जनपथ बाजार स्थित सचिवालय पहुंचे। यहां सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा ने न्यायिक आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना बयान दर्ज कराया। सूरज पाल से न्यायिक आयोग ने लगभग सवा दो घंटे तक पूछताछ की।

न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए सूरज पाल भारतीय जनता पार्टी के पूरनपुर (पीलीभीत) विधायक बाबू राम पासवान की फार्चूनर कार में सवार होकर पहुंचे थे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी साथ ही थे। सचिवालय के सामने उतरते ही सूरज पाल को लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी, अपर पुलिस आयुक्त अरविन्द कुमार वर्मा और हजरतगंज के निरीक्षक विक्रम सिंह ने कड़े सुरक्षा घेरे में सूरज पाल को न्यायिक आयोग के कक्ष तक पहुंचाया। सूरज पाल के पूछताछ के लिए आने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने जनपथ बाजार की सभी दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया था।

न्यायिक आयोग के सदस्यों ने सूरज पाल उर्फ भोले बाबा से करीब सवा दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान बाबा की ओर से उनके पक्ष में करीबी 1100 लोगों के शपथ पत्र भी आयोग को सौंपे गए। आयोग के बाहर आने पर सूरज पाल ने मीडिया के प्रश्नों का अपने अंदाज में ही उत्तर दिये। इस दौरान पूरी घटना को सूरज पाल मात्र एक हादसा ही बताते रहे। सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा को उनके भक्त बाबा साकार हरि भी कहते हैं। भोले बाबा की ओर से पेश अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इस भगदड़ के पीछे राजेश यादव उर्फ फौजी ही है। भोले बाबा ने अपना बयान दर्ज करा दिया है। आगे जो भी होगा, उसे देखा जायेगा। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार और न्याय व्यवस्था पर उन्हें भरोसा है।

उल्लेखनीय है कि हाथरस में 02 जुलाई को सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा के सत्संग समारोह के आखिरी दिन भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर पुलिस प्रशासन व आयोजकों से लेकर भोले बाबा तक की चौतरफा निंदा हुई और सवाल उठाए गए। हादसे के बाद कुछ दिन तक भोले बाबा अज्ञात स्थानों पर रहे और बाद में सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि यह व्यवस्था का दोष है, उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं थी। हांलाकि कहा जाता है कि भोले बाबा की चरण रज (पैरों की धूल) लेने के लिए मची भगदड़ के चलते यह हादसा हुआ। इस मामले में पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन भोले बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया।उस हादसे में मारे गए और पीड़ित लोगों ने भी भोले बाबा के खिलाफ बयान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा का पिछड़ों व दलित समाज में खासा प्रभाव है और बाबा के प्रचार और प्रभाव के इस समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने मांस और शराब का त्याग किया है।

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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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